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2018: 8 developments in Udaipur you must know!

The face of Udaipur is changing with increasing tourist footfall. And henceforth the government is also taking measures to enhance the beauty of the city; various projects are to be undertaken and fulfilled this year to make our City all the more developed. These plans are under the Smart City Project by which the look of the City would be changed.

Let us have a look at these projects that will change the entire look-n-feel of our City.

Wall City, Heritage Look

What will we get?

24 hours water supply, good sewerage facility.

How much it would cost the government?

480 crore monetary assistance tender to 18 wards, which shall get finished up to 80% by the end of the year 2018.

Benefit to the people:

24 hours water supply and electricity, an end to sewerage problems. The area of the Wall city would be painted with white color and some places shall be adorned with traditional motifs to give the city a beautiful look.

Pratapnagar – Balicha Highway Finishing This October 2018

What will we get?

A six-lane road at Pratapnagar – Balicha highway

How much it would cost the government?                   

This shall cost the government about 13.5 crores.

Benefit to the people:

This shall make the way for Ahmedabad to Pratapnagar a lot better and the connectivity will also be smoother. This will also lower the congestion and traffic on the highway, as it shall divert the load of heavy vehicles.

Eklingpura Underpass Finishing by September

What will we get?

An underpass at Eklingpura.

How much it would cost the government?

This shall cost about 6.5 crores to the government.

Benefit to the people:

The benefit of this is that the underpass shall lower the levels of congestion and henceforth making it a smoother drive; also lowering cases of road accidents.

Multipurpose Indoor Stadium

What will we get?

We will get a multipurpose Indoor Stadium at the Khelgoan Udaipur.

How much it would cost the government?

This shall cost about 28 crores to the government and will be 75% completed by the end of this year.

Benefit to the people:

The indoor stadium will have 12 courts of different types of games. This stadium will be one of a kind stadium in Rajasthan and by the end of this year, 5-7 courts will be completed.

Swaroopsagar Development

What will we get?

We will be a ‘Chaupati’ on the sides of Lake Swaroop Sagar.

How much it would cost the government?

It will cost about 3.5 crores and the project will be completed by the month September this year.

Benefit to the people:

This shall make available a public spot for the people of Udaipur and also will create another oxygen pocket in the city.

Jogi Talaab Development

What will we get?

Jogi Talaab and Nandeshwar channel will be developed under this project for increasing tourism.

How much it would cost the government?

The government shall spend about 1.5 crores on Jogi Talaab and 50 lacs on Nandeshwar channel.

Benefit to the people:

This has an overall benefit of increasing tourism in and around Udaipur.

Ayad – Chandpole Bridge of 12 Crore

What will we get?

Under this project, there shall be two bridges constructed viz., Ayad – Chandpole.

How much it would cost the government?

The government shall spend about 6 crores and 6.25 crores on Ayad and Chandpole bridges respectively. The project will be started in February 2018.

Benefit to the people:

This project shall provide a better to-and-fro of the transport in Udaipur hence lessening congestion on roads of the city.

35 Low Floor City Buses

What will we get?

35 new low floor city buses will be introduced in Udaipur.

How much it would cost the government?

The government will spend 20 crores on these buses which will be on the roads by March 2018. Apart from that 100 bus shelters will also be made.

Benefit to the people:

This will obviously work towards getting a better transportation system in Udaipur. And now people could travel on a lower fare in the city.

Waste Management Plant of 17 Crore

What will we get?

Under this Udaipur will get a Waste Management Plant.

How much it would cost the government?

This is one important decision by the government which shall utilize about 17 crores and would be functional by March 2018.

Benefit to the people:

Trash collected door to door will effectively be processed by Decantation.

Inputs via: Dainik Bhaskar

Are you excited by the changes in the city? If yes, then do let us know your views on the changing face of Udaipur in the comments below.

 

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Rumour: McDonald’s Closes in Udaipur!

McDonald’s in Udaipur is closed since 2 to 3 days. And there might be a possibility that it remains closed from now! Let us tell you why.

In the latter part of this year McDonald’s India Private Limited (MIPL) said it has not been able to verify if the unauthorized McDonald’s restaurants operated by CPRL in North and East India are able to fulfill McDonald’s standards, including those involving supplies, operations and safety standards and quality required for McDonald’s products. MIPL also stated that it has to close all the McDonald’s outlets immediately.

Connaught Plaza Restaurants Limited (CPRL) is the 50:50 joint venture franchise with McDonald’s and runs 169 outlets in North and East India.

Apparently, McDonald’s in Udaipur comes under CPRL and has to get closed!!! And because of the same reason the McD at the Celebration Mall, the only outlet of Mc Donald’s in Udaipur, is closed since 2-3 days and might remain closed hereafter.

MIPL has terminated the franchise licensing agreement in September, over management issues that disallowed CPRL to use the McDonald’s brand name, logo, and trademarks.

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डाक्टरों की हड़ताल: ऐसे पेशे से जुड़े लोगों का हड़ताल पर बैठना कहाँ तक सही है?

फाइल फोटो हिंदुस्तान टाइम्स
Photo Courtesy: Hindustan Times

एक और जहाँ स्वाइन फ्लू फिर से पैर पसार रहा है वहीं पिछले कई दिनों से डाक्टर्स हड़ताल पर बैठे हुए है। सरकार और डॉक्टर्स के बीच कई बार बात हुई लेकिन हालात वही के वही है। इसको देखते हुए सरकार ने डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी है। इस पर डॉक्टर्स और भड़क गए और कहा कि वो इस धमकी से हड़ताल तोड़ने वाले नहीं है।

ये कहाँ तक सही है? क्या अपना काम छोड़ हड़ताल पर बैठना सही है, और वो भी तब जब आपका पेशा डॉक्टरी का हो?

इससे पहले भी रेस्मा एक्ट के तहत 86 डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया जा चूका है। लेकिन बावजूद इसके डॉक्टर्स अब भी हड़ताल पर बैठे हुए है। स्वाइन फ्लू, डेंगू और भी भयानक बिमारियों से ग्रसित लोग इलाज के लिए तरस रहे है पर न तो डॉक्टर्स एसोसिएशन पर इस बात पर फर्क़ पड़ा है और ना ही सरकार इस मुसीबत का कोई उपाय खोज पाई है।

doctor द इंडियन एक्सप्रेस
Photo Courtesy: The Indian Express

डॉक्टर्स एसोसिएशन को  इस बात पर सोचना चाहिए,डाॅक्टरी उनका पेशा न होकर धर्म भी है। इस हड़ताल की वजह से अब तक 300 लोग अपनी जान दे चुके है। इसे हत्या ना माना जाए तो क्या कहे? अगर आपकी ज़रूरते सरकार पूरी नहीं कर पा रही है तो कोई लीगल तरीका अपनाएं, ऐसे हड़ताल करने से तो आमजन का भरोसा ही उठ जाएगा।

हम किसी को दोष नहीं दे रहे, पर हमें ऐसा लगता है कि ये तरीका ग़लत है। हमारे पास कोई और तरीके भी नहीं कि आपको बता सके। लेकिन इतना ज़रूर पता है कि आपका अपनाया हुआ हड़ताली तरीका ज़रूर ग़लत है।

हम इस आर्टिकल को एक डिस्कशन प्लेटफ़ॉर्म  की तरह रखना चाहते है ताकि आपके सुझाव डॉक्टर्स एसोसिएशन के लिए एक प्रार्थना-पत्र का काम करे। उन्हें अवगत करा सके, जो भी हो रहा है वो मानवीय रूप से ग़लत है।

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अगर आप भी ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन है तो सावधान हो जाइये..!!

WT-Love-Jihadअभी पिछले कुछ दिनों से पुरे देश भर में, राजसमन्द जिले में हुए उस घिनौने हत्याकांड का जमकर विरोध हो रहा है। कई संगठनों ने इसका विरोध किया और कैंडल मार्च  भी किए। लेकिन कुछ लोग जो ख़ुद को ही ‘देशभक्त’, ‘सच्चा मेवाड़ी’ वगैरा-वगैरा घोषित कर चुके है, भी सामने आए है और सोशल मीडिया पर शम्भू लाल रेगर(हत्या का आरोपी) का समर्थन कर रहे है। हालाँकि अभी तक हत्या की जांच चल रही है और इसे कई एंगल से देखा जा रहा है बावज़ूद इसके कुछ व्हाट्सएप मैसेज पुरे मेवाड़ में पर वायरल हो रहे है।

आप भी देख लीजिए:

“लव जिहादियों सावधान, जाग उठा है शम्भू लाल जय श्री राम”,

“शम्भू का केस सुखदेव लडेगा और शम्भू को न्याय दिलाएगा। वकील हो तो आप जैसा, जय मेवाड़, जय मावली, निशुल्क लड़ेंगे सुखदेव सिंह उज्जवल मावली।”

आश्चर्य की बात ये है कि इन ग्रुप में बीजेपी सांसद, एम.एल.ए और बड़े अधिकारी लोग भी जुड़े हुए है। उनसे बात करने पर बताया की ‘वो कई महीनो से व्हाट्सएप नहीं चला रहे’, ‘कुछ बोलते है हमनें पढ़ा नहीं है, हमें जानकारी नहीं है’, ‘मैं जयपुर गया हुआ था व्हाट्सएप नहीं चलाया’।अब वो ऐसा कह रहे है तो हो सकता है सच हो, हो सकता है नहीं भी। राम जाने।

लेकिन हम आप लोगो को ज़रूर सचेत कर देना चाहते है यदि आप भी ऐसे ग्रुप से जुड़े है या उसके एडमिन बने हुए है तो सावधान हो जाइए। किसी भी तरह के ऑफेंसिव, असमाजिक, अश्लील, अशांति फ़ैलाने वाले मैसेज अगर आपके एडमिन रहते उस व्हाट्सएप ग्रुप या फेसबुक पेज पर सर्कुलेट होता है तो उसकी जिम्मेदारी एडमिन की ही होगी। जो इस तरह के मैसेज का समर्थन करता है वो भी जिम्मेदार होगा।  ये हम नहीं नया कानून कह रहा है।

क्या कर सकते है? :

  1.  हर ग्रुप में उन्हीं लोगों को ऐड करें जिन्हें आप पर्सनली जानते हैं।
  2. जैसे ही कोई ऑफेंसिव पोस्ट आए। उसे हटा दें। उसे बिना जांचे-परखे फॉरवर्ड करने से बचे।
  3. ऐसे मेंबर को भी ग्रुप से बाहर निकाल दें। याद रखें अगर आज उसे ग्रुप से बाहर निकालने में बुरा लग रहा है तो कल को हवालात से बाहर निकलने में कितना बुरा लगेगा!
  4. अगर कोई मैसेज या पोस्ट ज्यादा ही बुरा है। ज्यादा ही समस्याएं खड़ी कर सकता है तो नजदीकी थाने में जाएं और पुलिस को उसकी जानकारी देंवे। इन मामलों में आलस न करें। आज अगर आप अपने वाहन से नहीं जाएंगे तो कल को पुलिस वाले अपना वहां लेकर आ सकते हैं।
  5. सुरक्षित रहें। सावधान रहें। दिमाग से काम ले। नफ़रत और झूठ को न फैलाएं। अच्छे आदमी बनें।

लव-जिहाद, हिन्दू-मुस्लिम, गौ-रक्षा और न जाने क्या-क्या मुद्दा उठा कर हत्याएं करने वालो का समर्थन करना कहाँ तक उचित है? हमें इन मुद्दों के द्वारा भड़काया जाता है और हम आसानी से भड़क भी जाते है। कभी अपना ओपिनियन रखते भी है कि हकीक़त में मैं क्या सोचता हूँ? मेरे नेता की सोच, मेरे दोस्त की सोच या मेरे घरवाले की सोच मेरी सोच कभी नहीं हो सकती।

अगर सच में मेवाड़ की शान बढानी है, मेवाड़ का विकास होता देखना चाहते हो, देश का विकास होता देखना चाहते हो तो आप ख़ुद सोचिये क्या ये इस तरह हो पाएगा? सिर्फ जय मेवाड़ लिख कर पोस्ट डालने से जय नहीं हो जाती है। हमारे पूर्वजो ने बलिदान दिया था वो अगर आज होते तो वो ख़ुद भी इन घटनाओं का विरोध कर रहे होते। उनके नाम पर  राजनिति  बंद करो।

सँभलने की ज़रुरत है, अफ्राज़ुल शिकार हुए, इस जगह राजस्थान से बाहर गया हमारा दोस्त, कोई अपना या ख़ुद हम भी हो सकते है। हम कैसा भारत बनाना चाहते है ये आप और हम पर निर्भर करेगा।

नोट: व्हाट्सएप पर कोई भी पोस्ट बना कर डाल सकता है, उस पर आँख बंद कर विश्वास न करें। पहले उसे ढंग से पढ़े, वेरीफाई करें तब अगर फॉरवर्ड करने लायक लगे तो करें, वरना नहीं।

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लब्धि की ‘उपलब्धि’, उदयपुर की बेटी ‘बाल-दिवस’ पर राष्ट्रपति से सम्मानित हुई।

हम सभी कल जब ‘चिल्ड्रेन्स डे’ पर फेसबुक, इन्स्टाग्राम और ट्विटर पर स्टेटस, फ़ोटोज़ अपलोड कर रहे थे ठीक उसी समय उदयपुर की बेटी दिल्ली में राष्ट्रपति से सम्मानित हो रही थी। महज़ 7 साल की लब्धि स्केटिंग में अब तक 62 से ज्यादा मैडल जीत चुकी है, उनमे से 3 इंटरनेशनल मैडल भी शामिल है। बाल दिवस पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने लब्धि को असाधारण उपलब्धियों के लिए ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया। लब्धि को रजत पदक के साथ सर्टिफिकेट, बुक वाउचर और नकद-राशि दी गई। लब्धि का पूरा परिवार इस अवसर पर वहाँ मौजूद था।

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Source : UdaipurBlog

टेनिस खेलना था, स्केटिंग में नाम कर लिया : जब पौने तीन साल की थी तब टेनिस सिखाने के लिए अकादमी ले गए। पैरों की मजबूती के लिए कोच ने स्केटिंग और दौड़ना शुरू करवाया पर स्केटिंग में ज़बरदस्त परफॉरमेंस देख कर इसी में आगे बढ़ने का फैसला किया।

लब्धि बताती है कि उनका लक्ष्य 2024-ओलिंपिक और वर्ल्ड-चैंपियनशिप में परफॉर्म करना है और वह अभी से ही तैयारियों में जुट गई है। लब्धि ने 3 साल की उम्र से ही स्केटिंग सीखना शुरू कर दिया था। आज भी वो दिन में घंटो प्रेक्टिस करती है। लब्धि के घरवाले बताते है उनकी सफलता के पीछे कोच मंजीत सिंह का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

Source : UdaipurBlog

इससे पहले उदयपुर की दो बेटियाँ अपुर्वी चंदेला और भक्ति शर्मा भी राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुकी है।

लब्धि, अपुर्वी और भक्ति शर्मा हमारे समाज के लिए प्रेरणा है कि कैसे अपने बच्चो को पढाई के साथ-साथ एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज़ में भी आगे बढ़ाना चाहिए।

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Source : Jansatta
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PS Group: Finding solution to marble slurry menace of Udaipur

In a recent judgment passed by the Rajasthan High Court, Chief Justice Arun Mishra said: “There are 250 marble processing units in the Sukher industrial area and they are dumping about 70 tones of slurry daily as a result of which about 700×500 meters of the valley has been ruined.”


Marble slurry dumping yard

Marble slurry is either dumped by the road side or dumped at slurry dumping yard. In both cases the slurry is open to spread through wind, surface flow of water and also penetrate the ground.  This degrades the quality of air, surface water, ground water and damages the soil of nearby areas.

                     Marble slurry dumped by the roadsise.

Despite several attempts by various agencies to develop products and find commercial applications for marble slurry, the menace of slurry continues to haunt the beauty and environment of Udaipur.

                            Marble slurry dumped illegally in residential areas.

JK Tyre conducted a study to replace carbon black in tyres by marble slurry but it was not found suitable for dynamics applications in tyre. Several attempts to replace cement and sand in mortar and concrete by marble slurry have not been very successful commercially because reaction of compounds present in marble slurry with cement and water causes efflorescence in the products like bricks, paver blocks, kerb stones, roof tiles, tree guards.

Recently a team of final year students of Civil Engineering at Techno India NJR Institute of Technology started working of innovations to develop products using marble slurry. Lokesh Puri Goswami, Kundan Gorana, Mohit Wadhwani, Harshit Jaroli, Kamlesh Kumar, Sachin Goyal under the guidance of Dr. Pankaj Porwal have developed a technology and processing method that eliminates the use of water to make these products. The team has called the brick produced using slurry Slick (Slurry Brick). The salient feature the Slick and other products is that they use molten waste plastic from bottles as binder with sand and marble slurry as filler. They also use some advanced chemical admixtures to enhance the strength of fire resistance of the final product. Use of molten plastic not only solves the problem of efflorescence but also provides a practical solution to problem of disposal of waste plastic bottles.

Brick made using marble slurry, sand and waste plastic

Preliminary tests conducted on Slick give strength close to the compressive strength of second class bricks. This idea has found acceptance at national level also. Recently, the team leader, Lokesh Puri Goswami was awarded Silver Medal by National Design and Research Forum of Institution of Engineering.

The students have also developed a full-fledged business plan for this idea. They have presented this business plan at Stupreneurs and won first prize of 45000/-. Stupreneurs is state level impact and innovation challenge program to make Rajasthan a source of innovation and start ups to positively impact our economy. An ecosystem based approach where mentors, business leaders and other professionals support and mentor such start ups.

Currently the company formed by the students, PS Group, is being incubated at Lake City Incubation Center of Techno India NJR for commercialization of marble slurry and waste plastic bottle products.

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अब झीलों में सीवरेज के पानी के आलावा प्लेन भी उतरेंगे?

अब तक उदयपुर की झीलों में आपने नावों को चलते देखा होगा, लोगो को तैरते देखा होगा उन्हें कपड़े धोते देखा होगा… और तो और आपने झीलों में सीवरेज के पानी को गिरते भी देखा होगा, लेकिन अब इन सबके आलावा एक और कमाल होने की सम्भावना है वो भी उदयपुर की झीलों में। अगर ये बात मंत्री-महोदयों को जम गई तो जल्दी ही अपने शहर की झीलों में सी-प्लेन(seaplanes) भी उतरेंगे। मजेदार बात तो ये है कि इस योजना में जापान दिलचस्पी दिखा रहा है, वैसे ही जैसे उसने बुलेट ट्रेन में दिखाई थी। हम आपको बता दे कि जापान की दिलचस्पी पहले ही भारत को 1,10,000 करोड़ की पड़ी है, अब देखते है ये कितने की पड़ती है? वैसे अभी तो बात ही निकली है, और बात निकलने का मतलब ये तो नहीं हो जाता की शादी पक्की मान ही ले, तो अभी ज्यादा बवाल मचाने वाली बात नहीं है।

तो बात ये है कि स्पाइस जेट जापान की एक कंपनी “setouch holdings” से 100 कोडिआक प्लेंस खरीदने की सोच रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी साहब कहते है कि रूस और जापान ने डील में इंटरेस्ट दिखाया है जिनमे 50 सीटर वाले प्लेंस भी शामिल है।

नितिन गडकरी ये भी कहते है : ” भारत में एअरपोर्ट की कमी है। ज्यादातर कारोबार उन जगहों से होता है जहाँ ढंग से कनेक्टिविटी नहीं मिल पाती। हम उसी के समाधान के रूप में  इसे देख रहे है। हम चाहते है भारत का आखिरी कोना तक बाकि जगहों से कनेक्ट हो, ये प्रोजेक्ट से हमें लाभ मिलने की उम्मीद है। उदयपुर के टूरिज्म को भी इससे फायदा मिलेगा।”

amphibious plane

अम्फिबिअस एयरक्राफ्ट ज़मीन और पानी दोनों पर उड़ान भर सकते है ये भारी और धीमे ज़रूर होते है पर ज्यादा वर्सटाइल भी होते है।  जिसकी वजह से इसकी उपयोगिता बढ़ जाती है। हमारे प्रधानमंत्री का कहना है कि ऐसे एयरक्राफ्ट दूरियाँ कम करने में साथ देंगे। नदियों और दुसरे बड़े जल स्त्रोतों का उपयोग करके इस काम को आसन किया जा सकता है।

amphibious plane

लेकिन ये सब में बहुत टाइम लगेगा अभी ये सब पर सिर्फ बात की जा रही है, लागू करने में वक़्त लगेगा। क्या पता उदयपुर का नाम आएगा भी या नहीं आएगा..

पर ये सब बात उठने पर हमारी भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है की इस पर चर्चा की जाए। आप अपने व्यूज़ रखे कि क्या वाकई देश की नदियाँ, झीले अभी इन एयरक्राफ्ट के लिए तैयार है? इतने करोड़ो खर्च करने के बाद गंगा, यमुना जैसी बड़ी नदियाँ अब भी प्रदूषित है। ऐसे में क्या ये प्रोजेक्ट लागू करना सही है?

अगर लागू होता है तो क्या उदयपुर इस प्रोजेक्ट के लिए तैयार है? जब इतनी मेहनत से शहर के कुछ लोग झीलों को साफ़ करने में लगे हुए है। बावजूद इसके अब तक होटल्स और आसपास के घरो का गिरता सीवरेज पानी इन झीलों में जाने से नहीं रोक पाए है, आयड़ को अब जाकर साफ़ कराया जा रहा है तब क्या ये प्लेंस उदयपुर के लिए सच में ज़रूरी होंगे?

लेकिन ये सब अपने-अपने विचार है, आप भी अपने थॉट्स कमेंट बॉक्स में लिख सकते…. आप कैसे देखते है इस तरक्की को?

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DevFest’17 by Google Developers Group at CTAE Udaipur

“It was the first ever output on screen, “Hello World”; It was those sleepless nights,

It was the deploying of codes; it was banging of  keyboard keys ,

It was the debugging of single error; It was frustration to punch break the Laptop Screens .

We had everything before us and we had nothing before us .”

If you can relate to these feelings then you are developer .

DevFest’17 was organised by Google Developers Group Udaipur in association with Sanskrut Corporation as Board Of Advisors, Sponsored by GKMIT and Online Media Partner – UdaipurBlog . The event was held on 4th November 2017 at Placement Cell, CTAE Udaipur .

Devfest 2017

The event was started with a brief introduction of Google Developer Group and DevFest . There were some quick activities to engage the audience and make the session more interactive and enjoyable for everyone . The event was brought with a common vision of creating more awareness about technology and bring latest and trending technologies to the youth of Udaipur .

The event was started with a brief introduction of Google Developer Group and DevFest . There were some quick activities to make the engage the audience and make the session more interactive and enjoyable for everyone . The first session was taken by Mr. Jeetesh Sisodia, Founder GKMIT and CTO Reshotel, Mumbai  on Ruby on Rails .He focussed on the basic concepts of Ruby on Rails and asked developers to make the basics clear .

Jeetesh Sisodia

The second talk was delivered by Mr. Harsha Bandaru, CTO WieLabs,  on ‘Kotlin’ which was announced by Google as the official programming language for Android Applications . He talked about the advantages of using kotlin above the evergreen programming language called Java .

He also talked about open source  like Mozilla , FOSSASIA etc. He inspired developers to contribute to open source .

Next, Mr. Avikalp Kumar Gupta, Alumni, IIT Kanpur, delivered a talk on Machine Learning . He took examples from the daily life and also examples from the movies and games to bind the audience together . He also talked about the live projects of machine learning into existence . He talked about the championships that machines has won against humans .

Mr. Pradeep Chauhan from GKMIT delivered a talk on swift . He talked about the benefits of using swift over objective C . He also showcased a demo of the short form to make the concepts and working more clear .

Mr. Hitanshu Kaushal, Manager Sanskrut Corporation appreciated the initiative taken by GDG Udaipur and presented an opinion that building learning space environment in Udaipur can help youth gain better technical skills and practical knowledge . The speakers also spent some time post event with attendees for their doubts regarding their current projects they are working on .

GDG DevFests are large, community-run developer events happening around the globe focused on community building and learning about Google’s technologies. It is like a global series of events which take place between Aug to Nov in various different countries across the globe . Google Developers Group is basically a community of Technology Enthusiasts , Entrepreneurs , students , researchers . There are 105+ Countries with Google Developers Chapters, there are over more than 600+ chapters present around the globe  .

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IIM Udaipur acquires the third position in research ranking, leaves behind IIM-A!

Once again IIM Udaipur has topped the charts for us! The IIM-U has left behind IIM-A in research rankings and has made the city proud. Last year as well, IIMU got hold of the 4th position in the same domain for the period 2012-2016.

This year, IIMU has grabbed the third spot, while Indian School of Business – Hyderabad and IIM – Bangalore have taken the first two positions.

The ranking list has been released by UT Dallas’ Naveen Jindal School of Management, Texas. The ranking is based on the research contributions by the top business schools in India.  UT Dallas has formulated a list of the top 24 research journals worldwide and ranked the contributions made by each business school in terms of papers published between years 2013 to 2017.

Prof Janat Shah, Director of IIMU enlightened about the papers published by the B-School. Four papers have been published by research faculty of IIMU in the top journals, getting them an average score of 1.27, which has made them fall in the first five in the ranking.

The top ten ranking list goes as follows:

  1. Indian School of Business, Hyderabad
  2. Indian Institute of Management, Bangalore
  3. Indian Institute of Management, Udaipur
  4. Indian Institute of Management, Ahmedabad
  5. Indian Institute of Management, Lucknow
  6. Indian Institute of Management, Kolkatta
  7. Indian Institute of Management, Tiruchirapalli
  8. Indian Institute of Technology, Delhi, and Institute of Rural Management Anand
  9. Indian Institute of Technology, Kanpur
  10. TA Pai Management Institute, Manipal

Have a look at the papers published by our IIMU to have knowledge of the echelon obtained by the B-school.

  • IIMU publications in A category journals: 37 papers
  • Two research projects approved each year, with an allocation of Rs 3.25 lac per project faculty
  • 12 lac given under research incentive plan
  • Travel, both national and international seminar and workshop participation
  • Guest faculty also gave research opportunities
  • IIMU publications in B category journals: 140 papers
  • Two committees to manage research priorities
  • 50% faculty allocated towards research projects
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Rajasthan: A Launching Pad for Social Enterprises

India, today ranks 3rd across the globe as a hub for startups. Startups are making an impact on our people, society, and businesses. Rajasthan, which is buzzing with talent and entrepreneurs who are trying to solve pertinent problems of the citizens. Over the last few years the state has grown to become one of the favourite destinations for the Social business Idea entrepreneurs.

calling student

Startup oasis, a Joint initiative of RIICO and CIIE, IIM Ahmedabad situated at Jaipur, Rajasthan which is helping these budding entrepreneurs to building their dreams into reality. Startup oasis recently incubated some of the social startups like Cattle Mettle, Mera Paper, Om-Server and many more having direct impact to bottom of pyramid.
On the line of Social Innovation and impact TEDSTART (A joint initiative of Department of Technical Education and Startup Oasis) established 7 incubation centres across the Rajasthan. These centres are in Jaipur, Jodhpur, Udaipur, Jhalawar/Kota, Bharatpur, Bikaner, and Ajmer to foster innovation and Entrepreneurship across Rajasthan.

TEDSTART and Startup oasis recently launched Stupreneurs with  TIE Rajasthan , TiE Udaipur and Udaipur City Blog and Jaipur City Blog : A student startup program focused on innovation and impact to enable students to solve the real ground problems of Rajasthan region.

Stupreneurs is State Level impact and innovation challenge program to make Rajasthan a source of innovation and startups to positively impact our economy. An ecosystem based approach where mentors, business leaders and other professionals support and mentor such startups.

The whole program works on three things

CoWrite – Write a business plan which solves the local community problem and has a disproportionate impact on region or world.

Connect – Connect with right stakeholder which may accelerate the growth of enterprise.

Create – Create viable product which may scale scalable to other geographies.

Why you should apply to Stupreneurs?

– The Program creates a life-changing experience that impacts not only the entrepreneurs, but also the team, the community and many people to follow.

– Investing your time, talent, and innovation in program will change many lives. One of them is likely to be yours.

– The program is first of its kind platform to give right build up to your idea and innovation.

-An event of energy where you can validate your idea/Prototype while competing with others.

Who should apply?

  1. Students having an innovative and impactful idea
  2. Students and a year alumni can participate in the competition
  3. Students should be based out of Rajasthan, In case if you are not from Rajasthan then you have to come to Rajasthan for workshops and Business plan Competition day.

 

Application open till 25 September 2017 and you can submit your innovation and impactful idea at www.stupreneurs.com

Flow of the program for Udaipur

Stupreneurs