एक और जहाँ स्वाइन फ्लू फिर से पैर पसार रहा है वहीं पिछले कई दिनों से डाक्टर्स हड़ताल पर बैठे हुए है। सरकार और डॉक्टर्स के बीच कई बार बात हुई लेकिन हालात वही के वही है। इसको देखते हुए सरकार ने डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी है। इस पर डॉक्टर्स और भड़क गए और कहा कि वो इस धमकी से हड़ताल तोड़ने वाले नहीं है।
ये कहाँ तक सही है? क्या अपना काम छोड़ हड़ताल पर बैठना सही है, और वो भी तब जब आपका पेशा डॉक्टरी का हो?
इससे पहले भी रेस्मा एक्ट के तहत 86 डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया जा चूका है। लेकिन बावजूद इसके डॉक्टर्स अब भी हड़ताल पर बैठे हुए है। स्वाइन फ्लू, डेंगू और भी भयानक बिमारियों से ग्रसित लोग इलाज के लिए तरस रहे है पर न तो डॉक्टर्स एसोसिएशन पर इस बात पर फर्क़ पड़ा है और ना ही सरकार इस मुसीबत का कोई उपाय खोज पाई है।
डॉक्टर्स एसोसिएशन को इस बात पर सोचना चाहिए,डाॅक्टरी उनका पेशा न होकर धर्म भी है। इस हड़ताल की वजह से अब तक 300 लोग अपनी जान दे चुके है। इसे हत्या ना माना जाए तो क्या कहे? अगर आपकी ज़रूरते सरकार पूरी नहीं कर पा रही है तो कोई लीगल तरीका अपनाएं, ऐसे हड़ताल करने से तो आमजन का भरोसा ही उठ जाएगा।
हम किसी को दोष नहीं दे रहे, पर हमें ऐसा लगता है कि ये तरीका ग़लत है। हमारे पास कोई और तरीके भी नहीं कि आपको बता सके। लेकिन इतना ज़रूर पता है कि आपका अपनाया हुआ हड़ताली तरीका ज़रूर ग़लत है।
हम इस आर्टिकल को एक डिस्कशन प्लेटफ़ॉर्म की तरह रखना चाहते है ताकि आपके सुझाव डॉक्टर्स एसोसिएशन के लिए एक प्रार्थना-पत्र का काम करे। उन्हें अवगत करा सके, जो भी हो रहा है वो मानवीय रूप से ग़लत है।
2 replies on “डाक्टरों की हड़ताल: ऐसे पेशे से जुड़े लोगों का हड़ताल पर बैठना कहाँ तक सही है?”
Kyu na aap aisa hi ek prathna Patra government ke Naam bhi likhe ….. Kyu ki jis profession Mai aap dharm bhi thop Rahe hai un professionals ki well being ka Dyan rakhna unhe ek sammanjanak aur surakshit mahol Dena sarkar ke Saath Saath aap sabki jimedari bhi hai!
Baki apki kahi bato se Mai sahmat hun!
बातों से सहमत होने के लिए शुक्रिया। इसे हमारा प्रार्थना पत्र ही समझिए। बस आप सबके साथ साझा कर दिया है।