Author: Shubham Ameta
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उदयपुर का ‘कोणार्क’ : 9वी शताब्दी पुराने सूर्य मंदिर की कहानी
उदयसागर झील से निकलती नदी, बेड़च। इसके किनारे एक बेहद पुराना मंदिर बना है। यह मंदिर आपको तब भी नज़र आता है, जब आपका प्लेन महाराणा प्रताप इंटरनेशनल एअरपोर्ट पर उतरने ही वाला होता है, उस क्षण से कुछ ही पहले, यह मंदिर आपको अपनी और खींच लें तो कोई बड़ी बात नहीं होगी और […]
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राजस्थान में एक नए ‘जानलेवा बुखार’ ने दस्तक दी!
मौसम के बदलते ही स्वाइन फ्लू का डर बढ़ जाता है। लेकिन अब एक नए ‘जानलेवा बुखार’ ने राजस्थान में दस्तक दे दी है। कई दिनों से ‘कांगो फीवर’ (Congo Fever) नाम ने अखबार-टीवी की हेडलाइंस में अपनी जगह बना रखी हैै। इसका कारण अहमदाबाद और जोधपुर में हुई कुुुछ मौतों का सामने आना है। इस बीमारी का […]
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“पैंथर जोड़ा हमारे घरों तक पहुँचा या हमनें उनका घर छीन लिया?” – सच क्या है?
पिछले कई दिनों से लोकल मीडिया, आबादी क्षेत्र में पैंथर के आ जाने की खबर लगातार छाप रहे हैं। स्थानीय अख़बारों से लिए आकड़ें बताते हैं कि साल 2019 में अबतक, पैंथर के आबादी क्षेत्र में आने और उनके द्वारा शिकार करने की लगभग सात से आठ घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। सभी घटनाएँ शहर […]
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रेस्पेक्टेड भावी नेता, चुनाव से पहले उदयपुर की इन समस्याओं को भी सुन लेना, प्लीज़।
7 दिसम्बर, 2018 की सुबह होने में मात्र 6 दिन बचे है। वैसे दिसम्बर, 2018 की इस तारीख़ के बारे में बताने की ज़रूरत तो है नहीं, वो भी राजस्थान के लोगो को। वैसे ही काफ़ी शोरगुल हो ही रहा है। सोशल मीडिया पर भी और गली-कूंचो में भी। लेकिन फिर भी हम बताए देतें […]
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उदयपुर के उस लड़के की कहानी जिसके सामने लन्दन, रूस और अमेरिका के डांसर्स भी पानी भरते थे.
हमनें एक कड़ी शुरू की थी जिसमें हमनें हमारे शहर के उन लोगों के बारे में लिखना शुरू किया था जिन्होंने हमारे शहर का खूब नाम किया है, लेकिन अब हम उन्हें भुला चुकें हैं या फिर कुछ ही लोग हैं जो उन हस्त्तियों को जानते हैं, जैसे वैज्ञानिक दौलत सिंह कोठारी, राहुल सिंह और ऐन्द्रिता रे. अब […]
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मिठाइयाँ बांटो – दुनिया के सबसे अच्छे शहरों में उदयपुर को तीसरा स्थान
अब तो ऐसी ख़बरों की उदयपुर वालों को आदत हो गयी है। फिर भी बधाइयाँ तो बनती है। इसके हक़दार हैं हम सभी उदयपुरवाले। Travel & Leisure, एक ट्रेवल मैगज़ीन है जो हर साल दुनिया भर के शहरों का सर्वे करती है और उनमें से चुनिन्दा शहरों की रैंकिंग हम तक पहुँचाती है। इस बार […]
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पिपलिया जी – वह गाँव जहाँ कभी फूल खिला करते थे, अब चारो-ओर काँच के टुकड़े मिला करते हैं।
एक इंसान अपनी ज़रूरतें/इच्छाएं पूरी करने के लिए जब दायरा बढ़ाता है, तब-तब इस धरती पर कांड होता है. कभी बहुत ही साफ़-सुथरा जन्नत सा एहसास दिलाने वाला ‘पिपलिया जी’ गाँव आज वहाँ तरह-तरह की ब्रांडेड पीकर फैंकी गयी बोतलों के काँच से अटा पड़ा है. हालत ये है कि वहाँ बैठो तो मुमकिन है […]