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अगर आप भी ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन है तो सावधान हो जाइये..!!

WT-Love-Jihadअभी पिछले कुछ दिनों से पुरे देश भर में, राजसमन्द जिले में हुए उस घिनौने हत्याकांड का जमकर विरोध हो रहा है। कई संगठनों ने इसका विरोध किया और कैंडल मार्च  भी किए। लेकिन कुछ लोग जो ख़ुद को ही ‘देशभक्त’, ‘सच्चा मेवाड़ी’ वगैरा-वगैरा घोषित कर चुके है, भी सामने आए है और सोशल मीडिया पर शम्भू लाल रेगर(हत्या का आरोपी) का समर्थन कर रहे है। हालाँकि अभी तक हत्या की जांच चल रही है और इसे कई एंगल से देखा जा रहा है बावज़ूद इसके कुछ व्हाट्सएप मैसेज पुरे मेवाड़ में पर वायरल हो रहे है।

आप भी देख लीजिए:

“लव जिहादियों सावधान, जाग उठा है शम्भू लाल जय श्री राम”,

“शम्भू का केस सुखदेव लडेगा और शम्भू को न्याय दिलाएगा। वकील हो तो आप जैसा, जय मेवाड़, जय मावली, निशुल्क लड़ेंगे सुखदेव सिंह उज्जवल मावली।”

आश्चर्य की बात ये है कि इन ग्रुप में बीजेपी सांसद, एम.एल.ए और बड़े अधिकारी लोग भी जुड़े हुए है। उनसे बात करने पर बताया की ‘वो कई महीनो से व्हाट्सएप नहीं चला रहे’, ‘कुछ बोलते है हमनें पढ़ा नहीं है, हमें जानकारी नहीं है’, ‘मैं जयपुर गया हुआ था व्हाट्सएप नहीं चलाया’।अब वो ऐसा कह रहे है तो हो सकता है सच हो, हो सकता है नहीं भी। राम जाने।

लेकिन हम आप लोगो को ज़रूर सचेत कर देना चाहते है यदि आप भी ऐसे ग्रुप से जुड़े है या उसके एडमिन बने हुए है तो सावधान हो जाइए। किसी भी तरह के ऑफेंसिव, असमाजिक, अश्लील, अशांति फ़ैलाने वाले मैसेज अगर आपके एडमिन रहते उस व्हाट्सएप ग्रुप या फेसबुक पेज पर सर्कुलेट होता है तो उसकी जिम्मेदारी एडमिन की ही होगी। जो इस तरह के मैसेज का समर्थन करता है वो भी जिम्मेदार होगा।  ये हम नहीं नया कानून कह रहा है।

क्या कर सकते है? :

  1.  हर ग्रुप में उन्हीं लोगों को ऐड करें जिन्हें आप पर्सनली जानते हैं।
  2. जैसे ही कोई ऑफेंसिव पोस्ट आए। उसे हटा दें। उसे बिना जांचे-परखे फॉरवर्ड करने से बचे।
  3. ऐसे मेंबर को भी ग्रुप से बाहर निकाल दें। याद रखें अगर आज उसे ग्रुप से बाहर निकालने में बुरा लग रहा है तो कल को हवालात से बाहर निकलने में कितना बुरा लगेगा!
  4. अगर कोई मैसेज या पोस्ट ज्यादा ही बुरा है। ज्यादा ही समस्याएं खड़ी कर सकता है तो नजदीकी थाने में जाएं और पुलिस को उसकी जानकारी देंवे। इन मामलों में आलस न करें। आज अगर आप अपने वाहन से नहीं जाएंगे तो कल को पुलिस वाले अपना वहां लेकर आ सकते हैं।
  5. सुरक्षित रहें। सावधान रहें। दिमाग से काम ले। नफ़रत और झूठ को न फैलाएं। अच्छे आदमी बनें।

लव-जिहाद, हिन्दू-मुस्लिम, गौ-रक्षा और न जाने क्या-क्या मुद्दा उठा कर हत्याएं करने वालो का समर्थन करना कहाँ तक उचित है? हमें इन मुद्दों के द्वारा भड़काया जाता है और हम आसानी से भड़क भी जाते है। कभी अपना ओपिनियन रखते भी है कि हकीक़त में मैं क्या सोचता हूँ? मेरे नेता की सोच, मेरे दोस्त की सोच या मेरे घरवाले की सोच मेरी सोच कभी नहीं हो सकती।

अगर सच में मेवाड़ की शान बढानी है, मेवाड़ का विकास होता देखना चाहते हो, देश का विकास होता देखना चाहते हो तो आप ख़ुद सोचिये क्या ये इस तरह हो पाएगा? सिर्फ जय मेवाड़ लिख कर पोस्ट डालने से जय नहीं हो जाती है। हमारे पूर्वजो ने बलिदान दिया था वो अगर आज होते तो वो ख़ुद भी इन घटनाओं का विरोध कर रहे होते। उनके नाम पर  राजनिति  बंद करो।

सँभलने की ज़रुरत है, अफ्राज़ुल शिकार हुए, इस जगह राजस्थान से बाहर गया हमारा दोस्त, कोई अपना या ख़ुद हम भी हो सकते है। हम कैसा भारत बनाना चाहते है ये आप और हम पर निर्भर करेगा।

नोट: व्हाट्सएप पर कोई भी पोस्ट बना कर डाल सकता है, उस पर आँख बंद कर विश्वास न करें। पहले उसे ढंग से पढ़े, वेरीफाई करें तब अगर फॉरवर्ड करने लायक लगे तो करें, वरना नहीं।

By Shubham Ameta

Theatre Practitioner
Documentary Writer
Blogger

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