Dandiya Night organised by Central Academy Senior Secondary School, Hiran Magri
Venue : Central Academy School, Sector-3, Hiran magri
Date : 20th Oct 2012, Saturday
A grand event organized by the institution to celebrate 25 golden years of Central Academy. All the alumnus of the school were invited to be a part of this joyous celebration. The function was held under the direction of Dr. Hema Chhabra, Principal Central Academy Sec 3 which was attended by principals from various branches of central academy, along with the head of the institution Dr. Sangam Mishra and Director Mrs. Lakshyajaya Mishra. This Function was a warming up event in the list of various functions that are about to be held in order to celebrate the success of the Institute.
शाम का धुंधलका हो , यादों का कारवां हो
यारों का साथ हो तोह, समां रंगीन होता है और नई यादें
The fashion show by HBO – Hair and Beauty Organization, Udaipur apart from being a fairly successful event had a touch of creativity, innovation and futuristic foresight. Based on the theme of “Brides of 2025” this fashion show also shed light on the Commando theme.
It is notable that dresses in the event were designed by designers like Samina Khan, Orsum Boutique, Skull Fashion Studio, Nakshatra Boutique etc. The choreography of this event was undertaken by Creation Group.
“We are coming up with the HBO Carnival, a fashion fest on 7th January, 2013 an event where more than 100 models will make up to the ramp and many international celebrities will be invited.” said Ashok Paliwal (President ,HBO)
Following is a detailed imagery of the fashion show.
With two Big resolutions of making the Lakecity Clean and Green & to make Udaipur a Smoke Free City, a rally “walk for lakecity” was organized by Dainik Bhaskar & Pacific University [Hotel Management Institute] on 27th September, World Tourism Day to Promote Brand Udaipur. This rally started from Motimagri, wherein many big personalities like Rajni Dangi, mayor of udaipur, Mr.Hemant Gera, Collector , Mr.Sudhir Mishra, Executive Director, Bhaskar Udaipur, Mr. Ajeet V. Jhony [Unit head], Dr.Parul Mathur, director of hotel management PU, Mr.Ashwini Nayar, GM Sheraton, Mr. Harish Rajani, Sunrise joined. The girls from RMV also accompanied this cause. Many clubs supported this walk. The walk ended with Folk Dance performances and Paper Bag Distribution.
Udaipur: The city’s bright lights and rich ethos can be blinding if you’re here for a short while. Udaipur takes time to open its arms to the traveller. My time in Udaipur was characterized by the people I met here. The merry making was a perfect conclusion for my motorcycle tour of Rajasthan. Here are some pictures that I clicked while I was travelling in Udaipur.
I am a motorcycle traveller, travel photographer and writer. Young and hot-blooded, I am always looking to bring together my passion for motorcycling and the art of photography.
The City of Lakes witnessed ‘Jheel Mahotsav 2012 ’ on 14th September. An event focusing on the sole concept of conservation, maintenance of the lakes and welcoming the new waters. The Mahotsav was organized at Gangaur Ghat by Alok Sansthan.
The angelic performances by students of Alok Sr. Sec. School, the pleasing weather,the glimmers of floating ‘Diyas’ followed by the Ghat’s enthralling beauty further added to the fest’s flavor.
“Lakes are the pride of Udaipur, keeping them clean and conserving its beauty is everyone’s duty.” Said Dr.Pradeep Kumawat
So at last, the dullness & the sad faces of the city got swayed away with the influx of showers in just a period of 4 days. At the time when it had occurred to the gloom of almost everyone that the city’ll be left dry this year, the end of the monsoon brought back the smiles.
The beauty of Udaipur lies in its waters & the greens, imagining it without rains is like imagining Vrindavan without the charms of Krishna. The air turns romantic, the ambience heavenly, the torrents frolic, the green fragility harmonized; and the clouds returning with cascades…
On part of all, a big thanks to God for their endowment. No worth is realized unless ceded to absence. Apt maxim: All’s well that ends well. Though our affections are enough to make it the one but no doubt, these showers have made it the loveliest place on earth.
With heavy rainfall today in Udaipur and its catchment areas, the rivers are flowing at a full swing bringing water to the major lakes of Udaipur, namely Fatehsagar (via Madar) and Pichola/ Swaroop Sagar(via Sisarma). Gates of Swaroop Sagar have been opened in order to let the water pass to Lake Udaisagar through Ayad. In this way the water passes over UIT Pulia and various other areas in Udaipur.
Your UdaipurBlog.com have tried to capture the best moments of Monsoon 2012 specially for our readers. Keep visiting this Article to see Updated photos and more details.
Find the Pictures of Udaipur in Monsoon 2012 – includes Overflowing Lakes:
Photos by : Mujtaba R.G.
Share this Post and Leave your comments below if you like the Photos 🙂
If you have have also clicked awesome pictures of Monsoon 2012 and Overflow of the Lakes then Email us to :
The 9 day Ram Katha was all about Love | Truth | Compassion. The very essence of a Living form is love, according to Bapu this 21st century needs the element love to get peace. Here are some of Bapu’s precious verses.
Desire and greed are not barriers in the manifestation of Love; anger puts an obstruction in its appearance.
True love gives birth to contentment.
Love is within each of us, just as we all have a soul.
Photos By : Lakhan Sharma, Mujtaba RG & Yash Sharma
३०० से ज्यादा बार मानस में प्रेम शब्द आया है मतलब १०० प्रतिशत नहीं ३०० प्रतिशत । The word ‘Love’ has appeared more than 300 times in the Ram Charit Manas, giving it not 100% but 300% approval. – मोरारी बापु, मानस प्रेम, नाथद्वारा कथा – Morari Bapu, Manas Prem, Nathdwara Katha
कुछ ऐसे ही जयकारे आज पूरे देश ही नही अपितु पूरी दुनिया की फिज़ाओ में गुंजायमान हो रहे है जिनसे चारो ओर बस कृष्ण का ही नाम है, हर मुख पर कृष्ण की ही महिमा है, हर आँखों में कृष्ण की ही छवि है और हर कर्ण आज बस कृष्ण की मुरली की मधुर तानों को सुन रहे है… या यूँ कह ले की आज हर कोई कृष्ण के रंगों में रंगा हुआ…. और हो भी क्यों ना आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी जो है; भादवा मास की कृष्ण पक्ष की वह मंगलमय अष्टमी जब भगवान श्री कृष्ण देवकी और वासुदेव के नंदन के रूप में अवतारित हुए थे और उस घनघोर वर्षा वाली रात्रि में नन्द और यशोदा के घर भी अपार खुशियों की वर्षा कर दी थी…..
कृष्ण के इन रंगों से हमारा उदयपुर कैसे अछूता रह सकता था… और जब नाथद्वारा और जगदीश मंदिर में कृष्णाष्टमी का रंग चढ़ता है तब के माहौल की छठा के तो क्या ही कहने… जगदीश मंदिर में सजी झांकी के दर्शन मध्यरात्रि में खुलते ही भक्तो का अम्बार लग गया, कान्हा के नाम के जयकारे गूंजने लगे और भगवन जगदीश की आरती कर उन्हें भोग लगाया गया और फिर भक्तो में प्रसाद बांटा गया. आज रात को दूध दही की हांड़ी को फोड़ने की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमे सभापति रजनी डाँगी, प्रशांत अग्रवाल, हरीश राजनी आदि अतिथि के रूप में शामिल हुए. बरसते हुए बादलों के बीच मटकी फोड़ने का आनंद दोगुना हो गया, हालांकि कुछ विलम्ब हुआ कार्यक्रम शुरू होने में पर फिर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से वह मौजूद भक्तों का दिल जीत लिया . जगदीश चौक ॐ साईं राम ग्रुप ने झांकी सहित नृत्य प्रस्तुत किया. कृष्ण जन्मोत्सव में देश विदेश से आये पर्यटकों ने लिया जमकर आनंद . दीवाना ग्रुप के शाहनवाज़ [उदयपुर के बंटी] ने भजनों का ऐसा समां बंधा के वह उपस्तिथ लोग अपने आप को झूमने से नहीं रोक पाए, इन्द्र देव की कृपा बराबर भक्तों पे बनी रही उसी बीच दही हांडी फोड़ का कार्यक्रम शुरू हुआ , कुछ गीरे कुछ पड़े , फिर उठे फिर चढ़े और पूरी तरह उत्साहित होकर बार बार कोशिश की और फिर चामुंडा ग्रुप, गोवेर्धन विलास से आई टोली ने मटकी फोड़ी, जीतने वाले दल को Pacific University की तरफ से २१,००० रूपए नकद दिए गए तथा ११००० रूपए का नकद पुरस्कार पंकज बोरना की तरफ से दिया गया.
पालनों में विराजित सजे-धजे लड्डू गोपाल, घरों के आँगन में बने नटखट बाल कृष्ण के नन्हे नन्हे कदम और साथ में रंगीली रंगोली, बरसते गुलाल और पानी की मार की बीच दही-हांड़ी और उसको फोड़ने के लिए ग्वालों की टोलियों में मची होड़ , कृष्ण जीवन की सजीली झाँकिया, रासलीला में सजता हुआ अलग ही संसार, दूध मलाई से बने पकवानों का भोग…. कितनी जीवन्तता है इस त्यौहार में, एक अलग ही हर्षो-उल्लास उमड़ता है; ठीक वैसा ही जैसा कृष्ण जी का जीवन था – कई रंगों को अपने में समेटे हुए, जीने की अदभुत कला सीखाने वाला और हर कठिन परिस्थिति से निकलने की राह दिखाने वाला. श्री कृष्ण जी में कुछ तो था जो उन्हें सबका चहेता बना देता है, हर किसी के दिल में बसते है वे – बच्चो के शरारती साथी, देवकी और यशोदा के लाल, वासुदेव और नन्द की आँखों के तारे, राधा के प्रिय, गोपियों के माखन चोर, सुदामा के मित्र और गोकुलवासियों के मन मोहन. उनका हर रूप उनके व्यक्तित्व का आईना था, हर आईने से अलग शिक्षा मिलती है.
याद है उनकी नटखट शरारते – कैसे वे माखन चुराते थे, कभी गोपियों की मटकिया फोड़ दिया करते थे तो कभी मिट्टी खाया करते थे; पर उनकी हर शरारत भी प्यारी लगती थी, गोपिया उनकी शिकायत तो किया करती थी पर साथ ही अपने घरों के दरवाज़े भी नन्दलाला के लिए खुला छोड़ दिया करती थी. इससे पता चलता है कि जब दिल साफ़ होता है तब हर गलती भी छोटी होती है. कृष्ण ने अपने बाल्यकाल में ही कई दानवो और बुरे लोगो का विनाश करा था और हमे ये सिखाया था कि विप्पत्ति चाहे कितनी भी बड़ी हो पर मन की हिम्मत से हर कठिन राह भी आसान हो जाती है. आज दोस्ती की परिभाषा बदल गयी है – फेसबुक, इन्टरनेट की बनावटी दुनिया में सखा साथी कही खो से गए है और दोस्ती में स्वार्थ, अहम् इतना बढ़ गया है कि कृष्ण-सुदामा जैसी दोस्ती जाने कहा खो गई है. अपने परिवार और नगरवासियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना, सभी का आदर सम्मान करना, हमेशा अपने हँसमुख स्वाभाव से सबको खुश रखना, आदि कई गुण थे कान्हा में. कलियुग की तथाकथित “Personality Development Classes ” से कई गुना ज्यादा सिखाता है कान्हा जी का जीवन….. जरुरत है तो बस उन्हें मन में बसाने की और उनके रंगों में रंग जाने की…
सेक्टर 11 शिव मंदिर में भी कन्हैया का जन्मोत्सव धूम धाम से मनाया गया. बाल गोपाल की झांकी बनायीं गयी, 20 सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भजन संध्या का आयोजन भी किया गया जिसमे सभापति रजनी डांगी और प्रमोद सामर ने कार्यक्रम का आनंद लिया.
Photos By : Yash Sharma
उदयपुरब्लॉग(UdaipurBlog.com) की ओर से सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाए…!!! जय श्री कृष्णा..!!! 🙂
आज 26 जुलाई है. कारगिल विजय दिवस. जब बर्फ और सर्दी की आड़ में भारत के अभिन्न अंग कश्मीर के बड़े हिस्से में पाकिस्तानी सेना ने अपना अवैध कब्ज़ा जमा लिया, आज ही के दिन भारतीय सेना के जाबांज जवानो ने उसे मुक्त करवाया.
अपनी घुमक्कड प्रवृति के चलते अब तक दो बार लद्दाख हो आया हूँ. जब भी वहाँ जाता हूँ तो द्रास-कारगिल से गुज़रना होता है. हर बार वहाँ सिर पहले झुकता है, उन शहीदों की याद में, जिन्होंने दुश्मनों को नाको चने चबवा दिए…. और फिर तत्काल सिर गर्व से उठ जाता है, सीना चौड़ा हो जाता है, एक भारतीय होने के फख्र से.. अपनी सेना की बहादुरी पर…
चलिए आज आपको कारगिल विजय दिवस पर ले चलता हूँ.. धरती के स्वर्ग कश्मीर की गोद में बसे द्रास शहर और वहाँ स्थित कारगिल वार मेमोरियल के दर्शन करने…
द्रास शहर. श्रीनगर और कारगिल के बीच बसा कस्बा. इसे दुनिया का दूसरा सबसे ठंडा रिहाइशी इलाका होने का गर्व प्राप्त है. श्रीनगर से बालटाल, सोनमर्ग होते हुए जोजिला दर्रा पार करके यहाँ पहुंचा जा सकता है. जब आप यहाँ से गुजर रहे होते है तो नियंत्रण रेखा के सबसे करीब होते है. (जी हाँ, बिलकुल सही समझा आपने, आप यहाँ पाकिस्तानी तोपों की रेंज में होते है.)
फोटो में लेखक आर्य मनु (दायें) अपने मित्र आशीष विरमानी (दिल्ली) के साथ.
कारगिल वार मेमोरियल का मुख्य द्वार. वैसे यह युद्ध मूलतः द्रास में लड़ा गया,किन्तु इसे नाम मिला कारगिल युद्ध. द्रास कस्बा कारगिल जिले में आता है. यह स्थान द्रास कस्बे से लगभग सात किमी दूर NH 01A पर स्थित है. वार मेमोरियल स्थल तोलोलिंग की पहाड़ियों की तलहटी में बना है, जहाँ युद्ध के समय जवानो का बेस केम्प हुआ करता था. यहाँ से टाइगर हिल्स की कुल घुमावदार सड़क दुरी 28 kms है.
अमर जवान ज्योति. शहीदों को नमन. इस युद्ध को ऑपरेशन विजय का नाम दिया गया था. राष्ट्रीय ध्वज के साथ यहाँ युद्ध में शरीक होने वाली सेना की टुकडियों के ध्वज लहरा रहे है. यहाँ एक जवान हमेशा शहीदों के सम्मान में सावधान की मुद्रा में खड़ा रहता है.
युद्ध शहीदों के नाम यहाँ सुनहरे अक्षरों में लिखे है. जाट रेजिमेंट, राजपुताना राइफल्स का नाम सबसे पहले देखकर हर किसी राजस्थानी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. पंजाब रेजिमेंट, गोरखा राइफल्स, बिहार, सिख, लद्दाख की रेजिमेंटो ने भी अपने सपूत खोये. अमर वाक्य लिखा है यहाँ…
“शहीदों की चिताओं पर, लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालो का, यही बाकी निशाँ होगा…”
म्यूजियम में रखे शहीदों के अस्थि कलश. ये उन शहीदों की अस्थियां है, जिन्हें पहचाना नहीं जा सका. पर ये वे है जो हमेशा के लिए अमर हो गए….सिर्फ हमारे लिए, ताकि हम आराम से यहाँ त्यौहार मना सके…. अगली बार जब इस दिवाली आप अपने घर सजा रहे हो, तो एक दीपक इन अनाम शहीदों के लिए ज़रूर लगाएं…
ये है, पाकिस्तानी सेना द्वारा बरसाए गए मोर्टारों और टॉप गोलों के अवशेष. ये सिर्फ मोर्टारों के पिछले हिस्से (टेल) है. आप सोचिये, ये मोर्टार कितने बड़े और तबाही मचाने वाले होंगे..!! उस पर हालात ये कि पाकिस्तानी सेना पहाड़ की छोटी से हमला कर रही थी, जबकि भारतीय जवान तलहटी से उन पर जवाबी कार्रवाही कर रहे थे.
फिर भी है किसी पाकिस्तानी गोले में इतना दम, जो भारत का बाल भी बांका कर पाए ?
युद्ध में तडातड चलती गोलियों और तनाव के माहौल में सैनिक ठिठोली के क्षण खोज ही लेते थे.मिसाइल को दागने से पहले कुछ इस तरह बयान किये अपने ख्याल, एक सैनिक ने…
आज हम यहाँ बैठ दिन भर टीवी पर उन दिनों की कवरेज देखेंगे, कल हुए नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह को देखेंगे… सोचिये उन दिनों हाड कंपा देने वाली सर्दी में किस तरह उन जाबांजो ने देश की रक्षा करते हुए कैसे तनाव के क्षणों में समय बिताया होगा..!!!
उन दिनों महान कवि (स्वर्गीय )श्री हरिवंश राय बच्चन ने अपनी अमर कविता “अग्निपथ” की चंद पंक्तियाँ स्वयं लिखकर भारतीय सेना की हौंसला अफजाई की थी. उसी हस्तलिखित कविता को म्यूजियम में फ्रेम करवा के रखा गया है… ये पंक्तियाँ हमें आज भी लगातार आगे बढते रहने की प्रेरणा देती है.
All the Photos are Property of UdaipurBlog.com and may be used only with proper permission from the respective writer.