Tag: Hindi
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देव उत्थापनि एकादशी
विश्व का भरण पोषण करने वाले भगवान् विष्णु वैसे तो क्षण भर का भी विश्राम नहीं करते ,किंतु भारतीय संस्कृति ने देह एवं देव में विभेद न करते हुए समग्र पूजन-अर्चन-वंदन को एक सूत्र में आचरण के लिए निर्देशित किया है-” यथा देहे तथा देवे ” अर्थात जिस प्रकार हम शरीर(देह) का प्रतिदिन स्नान , […]
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मौसम ने ली अंगड़ाई
आज दोपहर में बाज़ार निकला, आदतन अच्छा खासा स्वेटर डाल कर और सच मानिये धूप ने पसीने छुड़ा दिए। वापस घर आ कर चैन की सांस ली और थोड़े वक़्त में फिर से नार्मल हुआ। गर्मी के मौसम की दस्तक होने लगी है। दिन में धुप सताने लगी है और रात में सर्दी का आलम बरक़रार […]
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उदयपुर और सर्दी का मौसम
समूचा उत्तर भारत कड़ाके की सर्दी और शीतलहर की चपेट में है। श्रीनगर से लेकर अमृतसर, दिल्ली, हिसार, जयपुर, लखनऊ और ग्वालियर सभी जगह सर्दी का प्रकोप नाक में दम किये हुए है। वैसे उदयपुर में भी सर्दी बेहद कहर ढा रही है। अल सुबह या शाम को सूरज ढलने के बाद तो घर से […]
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लोकदेवता सगसजी – Local Deity Sagas Ji
सगसजी – Sagas Ji मेवाड़ – महाराणा राजसिंह (1652-1680) बड़े पराक्रमी, काव्य- रसिक और गुणीजनों के कद्रदान थे साथ ही बड़े खूखार, क्राधी तथा कठोर हृदय के भी थे। इनका जन्म 24 सितम्बर, 1629 को हुआ। इन्होंने कुल 51 वर्श की उम्र पाई। इनके आश्रय में राजप्रषस्ति, राजरत्नाकर, राजविलास एवं राजप्रकाष जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे […]
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[Fictional Letter] Teachers Day Special : “आपने डैडी की इतनी हेल्प क्यों की ?”
प्यारी सुशीला कोठारी जी, पहले मैं आपको अपना इंट्रोडक्शन दे दूँ. मेरा नाम रिषित है. मैं 6 साल का हूँ, सनबीम स्कूल में पढता हूँ और उदयपुर में रहता हूँ. ये चिट्ठी मैं आपको छिप कर लिख रहा हूँ और पता नहीं कि आपतक मेरे ये छोटे छोटे अक्षर पहुंचेगे भी कि नहीं. पर मैं […]
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कृष्ण के विविध रंग सजे कृष्णाष्टमी पर
“नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की..!!” “मुरली मनोहर श्री कृष्ण जी की जय..!!!” कुछ ऐसे ही जयकारे आज पूरे देश ही नही अपितु पूरी दुनिया की फिज़ाओ में गुंजायमान हो रहे है जिनसे चारो ओर बस कृष्ण का ही नाम है, हर मुख पर कृष्ण की ही महिमा है, हर आँखों में कृष्ण […]
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मेरे सपनो की बारिश, कब आओगी तुम ??
वर्षा ऋतू हमें गहराई तक छूती है. सावन में सिर्फ तन ही नहीं भीगता, अंदर तक भिगो जाती है बरखा की बूंदें… सावन की रिम झिम फुहारों के बीच उगते अंकुरों, हरे होते पहाड़ों और, और ज्यादा गहराई तक नीली होती झीलों के बीच हमारा मन “किसी की चाह” हेतु व्याकुल हो उठता है. पर […]
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फतह सागर: कहाँ से आये इतने मछ्छर!
आप में से कई लोगों ने पिछले कुछ दिनों से फतह सागर की पाल पर गाड़ी चलाते वक़्त मछ्छरों को खुदसे टकराता हुआ पाया होगा. ये झुण्ड कभी चालक की आँखों तो कभी मुँह में चले जाते हैं जिससे यहाँ दिनभर की थकान मिटाने के लिए आने वाले उदयपुरवासियों को और इस विश्व प्रसिद्ध झील […]