“जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वो उन्नत राष्ट्र नहीं हो सकता“ – डॉ राजेंद्र प्रसाद
14 सितम्बर यानी आज का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है । 14 सितम्बर, 1949 के दिन ही यूनियन ने हिंदी को अपनी अधिकारिक भाषा घोषित किया था । इस महत्वपूर्ण अवसर पर हम आप लोगो के सामने उदयपुर के ख्यातनाम कवि श्री नंद चतुर्वेदी और रति सक्सेना द्वारा लिखित दो कविता लेकर आये है ।
ये तो हम सभी जानते ही है कि मेवाड़ की धरती ने अनेक कवियों और लेखकों को जन्म दिया है पर नंद चतुर्वेदी एवं रति सक्सेना की कवितायें न केवल आपको अपना संसार बनाने की छूट देंगी लेकिन साथ ही साथ उनकी ये कविता अंत में एक संदेश भी ज़रूर दे जाती है ।
आप खुद पढ़ कर मज़ा लीजिये ।
- नन्द चतुर्वेदी –
प्रेम के बारे में
हवा से मैंने प्रेम के बारे में पूछा
वह उदास वृक्षों के पास चली गयी
सूरज से पूछा
वो निश्चिन्त चट्टानों पर सोया रहा
चन्द्रमा से मैंने पूछा प्रेम के बारे में
वो इंतज़ार करता रहा लहरों और लौटती हुई पूर्णिमा का
पृथ्वी ही बची थी
प्रेम के बारे में बताने के लिए
जहाँ मृत्यु थी और ज़िन्दगी
सन्नाटा था और संगीत
लड़कियाँ थी और लड़के
हजारों बार वे मिले थे और कभी नहीं
समुद्र था और तैरते हुए जहाज
एकांत था और सभाएं
प्रेम के दिन थे अनंत
और एक दिन था
यहाँ एक शहर था सुनसान
और प्रतीक्षा थी यहाँ जो रह रहे थे
वो कहीं चले गये थे
थके और बोझा ढोते
जो थक गये थे लौट आये थे
यहाँ राख थी और लाल कनेर
प्रेम था और हाहाकार ।
- रति सक्सेना –
भले घर की लडकियाँ
भले घर की लडकियाँ
पतंगें नहीं उडाया करतीं
पतंगों में रंग होते हैं
रंगों में इच्छाएँ होती है
इच्छाएँ डँस जाती है
पतंगे कागजी होती है
कागज फट जाते है
देह अपवित्र बन जाती है
पतंगों में डोर होती है
डोर छुट जाती है
राह भटका देती है
पतंगों मे उडान होती है
बादलों से टकराहट होती है
नसें तडका देती हैं
तभी तो
भले घर की लड़कियाँ
पतंगे नहीं उड़ाया करतीं ।
अब हम आपको हिंदी भाषा से जुड़ी कुछ मजेदार बातों के साथ छोड़ जाते हैं :-
- हिंदी को अपना नाम पर्शियन शब्द ‘हिन्द’ से मिला ।
- हिंदी में छपी पहली किताब ‘प्रेम सागर’ मानी जाती है । इसे लल्लू लाल ने 1805 में लिखा था । ये किताब भगवान् श्री कृष्णा के दिए संदेशों पर आधारित थी ।
- 1881 में बिहार ने उर्दू की जगह हिंदी को अपनी अधिकारिक राज्यीय भाषा का दर्जा दिया । हिंदी भाषा को अपनाने वाला वो भारत का पहला राज्य बना ।
- ‘समाचार सुधावर्षण’ पहली हिंदी दैनिक पत्रिका थी, जो 1854 में कलकत्ता से शुरू हुई ।
- हिंदी भारत के आलावा मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद एंड टोबेगो और नेपाल में भी बोली जाती है ।
- आज की तारीख में करीब 500 मिलियन लोग हिंदी बोलते है या जानते है ।
- पहला हिंदी टाइपराइटर 1930 में आया ।
- हिंदी उन सात भाषाओँ में शामिल है जो वेब एड्रेस बनाने के काम आती है ।
- हिंदी और उर्दू को समानताओं के कारण एक दुसरे की बहन माना जाता है ।
तो है न हिंदी मजेदार भाषा!!! भाई अंग्रेजी अपनी जगह है । पर जो मज़ा हिंदी बोलने और सुनने में आता है वो किसी और भाषा में कहाँ ?
खैर कवितायें और भी थी आपके साथ साझा करने को पर फिर हमने सोचा कि आज आप लोग आपकी अपनी पसंद की हिंदी कविता या कहानी कमेंट कर उदयपुर के लोगो तक पहुचायें । इसी बहाने शहर के लोगो को हिंदी को और करीब से जानने का मौका मिल जायेगा और साथ ही साथ नई-नई कवितायें पढने को भी मिल जाएगी ।
आज हिंदी दिवस को इसी तरह कुछ ख़ास बनाते है । हमने तो दो कवितायें लिख भेजी है, अब आप लोगों की बारी है …