आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर शुक्रवार को उदयपुर आएंगे। गुरु के आगमन पर बड़ी संख्या में शिष्य और अनुयायी अगवानी करेंगे। उनके सान्निध्य में 10 मार्च को शाम 06:30 बजे से B.N. College Ground में महासत्संग होगा। महासत्संग में 80 हजार से ज्यादा लोग शामिल होंगे। आर्ट ऑफ लिविंग बैंगलुरु से आई प्रशिक्षिका ममता ने बताया कि सत्संग के साथ श्री श्री रविशंकर जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर भी देंगे।
श्री श्री रवि शंकर कहते हैं कि सांस शरीर और मन के बीच एक कड़ी की तरह है जो दोनों को जोड़ती है। इसे मन को शांत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वे इस बात पर भी जोर देते हैं कि ध्यान के अलावा दूसरे लोगों की सेवा भी इंसान का करनी चाहिए। वे विज्ञान और आध्यात्म को एक-दूसरे का विरोधी नहीं, बल्कि पूरक मानते हैं। वे एक ऐसी दुनिया बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं जिसमें रहने वाले लोग ज्ञान से परिपूर्ण हो ताकि वे तनाव और हिंसा से दूर रह सकें।
श्रीश्री के आगमन के पूर्व शहर में सत्व की जागृति के लिए नियमित रूप से अलग-अलग स्थानों पर सत्संग संध्याओं का आयोजन किया जा रहा है ।

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