जयपुर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के सफ़ेद बाघ चीनू की मौत हो गई। वह प्रदेश का एकमात्र आखिरी सफ़ेद बाघ था जिसने रविवार को दोपहर में तड़प तड़प कर अपना दम तोड़ दिया। चीनू को पिछले साल 17 मार्च को ज़ू एक्सचेंज से जयपुर लाया गया था। वह छः दिन से बीमार था और उसने एक सप्ताह से खाना पीना भी छोड़ दिया था। क्षेत्रीय वन अधिकारी गौरव ने बताया की 5 दिन से जयपुर,चेन्नई,बरेली,ओडिशा इन जगह के विशेषज्ञों द्वारा चीनू का इलाज चल रहा था।
मेडिकल बोर्ड ने मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है और यह भी बताया है कि बाघ की एक किडनी सामान्य की तुलना में बड़ी पाई गई थी। बाघ के सैम्पलों को बरेली स्थित IVRI में जांच के लिए भेजा गया था। वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगा।
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क तीन साल से दुर्लभ वन्यजीवों के लिए मौत का स्थान बना हुआ है। यहाँ 27 सितम्बर 2019 को केनाइन डिस्टेंपर से बाघ सीता और 4 अगस्त 2020 को लेप्टोस्पायरोसिस से बाघ राजा की मौत हो गई थी। चीनू प्रदेश का आखिरी सफ़ेद बाघ था। अब प्रदेश में एक भी सफ़ेद बाघ नहीं बचा है।