चाय किसे नहीं पसंद होती है? और जिसे नहीं होती उसे अक्सर दुसरे ग्रह से आया हुआ माना जाता है(मज़ाक के तौर पर ही सही पर माना तो जाता है)। सुबह की शुरुआत से लेकर शाम के सूर्यास्त तक हर सुख-दुःख में करीबियों से पहले चाय को याद किया जाता है। ‘चाय पर चर्चा’ का एक ट्रेंड सा बना हुआ है और अब तो सर्दिया भी आ गई है। गर्मियों में तक चाय से पीछा नहीं छुड़ा सकते तो सर्दियों में तो सोचना भी गुनाह है। इन सर्दियों में आप ख़ूब चाय पिए और अच्छी जगह की चाय पिए इसलिए हम यहाँ आपको बताने जा रहे है उदयपुर की पाँच वो जगह जहाँ की चाय आप लोगो को पीनी ही चाहिए…
पंडित जी की लेमन टी:
ये ऑरेंज टी-शर्ट में प्रेम-पूरी गोस्वामी है, उदयपुर में लेमन-टी की क्रांति लाने वाले यही है। वैसे तो इन्हें 20 सालों का अनुभव है लेकिन पिछले 5-6 सालों में इन्होने लेमन-टी बनाना शुरू किया। पहले जहाँ दिन का 20-25 लीटर दूध रोज़ का आता था वहीँ आज सिर्फ 5-7 लीटर में ही काम चल जाता है। आलम ये है कि लोग यहाँ की लेमन टी पीने के लिए 100 किलोमीटर दूर से आ जाते है और अच्छी बात ये है कि इस चाय का नुकसान कुछ भी नहीं है बल्कि ढेर सारे फ़ायदे है सो अलग। यहीं पर बैठे एक रेगुलर ग्राहक बताते है कि लेमन टी का जो टेस्ट पंडित जी की बनाई चाय में आता है वो उनके यहाँ सालों से काम कर रहे सहायक की बनाई चाय में भी देखने को नहीं मिलता फिर उन्ही के देखा-देखि लेमन टी बनाने वालों की तो बात ही दूर है। इसलिए अक्सर पंडित जी ही आपको लेमन टी बनाते हुए मिल जाएँगे। एक और ख़ास बात जो पंडित जी को बाकि लोगो से अलग बनाती है वो ये है कि उदयपुर घुमने आए टूरिस्ट्स के अगर 5 साल से छोटा बच्चा अगर दूध पीना चाहता है तो उन्हें फ्री में दूध पिलाया जाता है। पंडित जी हल्दीघाटी से है और मानते है कि उनकी सफलता के पीछे हल्दीघाटी का बहुत बड़ा योगदान है। इनका फेसबुक पेज भी बना हुआ है प्रेम हल्दीघाटी नाम से। पंडित जी बताते है यहाँ पड़ने वाली भीड़ का मुख्य कारण व्यवहार है।
कैसे पहुँचे : सहेलियों के बाड़ी के बिल्कुल सामने जा रही रोड पर पंडित जी की लेमन टी मिल जाएंगे।
कमलेश टी स्टाल :
दावे के साथ कहा जा सकता है कि उदयपुर में अगर सबसे फेमस लोगो की लिस्ट बनाई जाए तो इनका नाम उस लिस्ट में ज़रूर आएगा। इन्हें न सिर्फ़ उदयपुर जानता है बल्कि फतेहसागर घुमने आया हर शख्स इन्हें जानता ही होगा। एक न एक बार तो ज़रूर इनके यहाँ के ब्रेड पकोड़े और चाय ट्राई की ही होगी।इनका परिवार एकलिंग के पास एक गाँव से 1990 में आया था, अब ये देवाली में रहते है। 1992 में पहली बार कमलेश जी के पिताजी ने यहाँ चाय बनाना शुरू किया, पिछले 14-15 सालों से कमलेश जी इस जगह को संभाल रहे है। कमलेश जी भी मानते है कि व्यवहार और साफ़-सफाई किसी को भी आकर्षित करने का सबसे बड़ा ज़रिया है।
अभी यहाँ पर कमलेश जी के आलावा उनके भाई भी इनकी मदद करते है, पूरी फॅमिली इसी में लगी हुई है। ये बताते है कि आगे का कुछ नहीं सोचा है जो चल रहा है उसी को अच्छे से करने पर जोर देते है। यहाँ की चाय तो फेमस है ही पर जब साथ में कमलेश जी गरम-गरम ब्रेड पकोड़े देते है तो मज़ा दुगुना हो जाता है।
कैसे पहुँचे : फतेहसागर पर हर कोई इन्हें जनता है।
काका रेस्टोरेंट :
इन पाँचों जगहों की बात की जाए तो सबसे पहले ‘काका’ ने ही चाय पिलाना शुरू किया था। करीब 70 के दशक में पहली बार इन्होने इंडियन आयल डिपो के सामने एक छोटा सा ठेला आनंद नाम से खोला, तब यहाँ घना जंगल हुआ करता था और मजदुर वर्ग के लिए एक मात्र चाय की दूकान यही हुआ करती थी। आज इनकी तीसरी पीढ़ी ये बिजनेस संभाल रही है। आज ‘काका’ के पोते जोनी चावला और उनके बड़े भाई ‘काका रेस्टोरेंट’ संभाल रहे है। जोनी चावला ने अपने दादा जी का शुरू किया ये बिजनेस सँभालने के लिए दसवीं में ही पढाई छोड़ दी और फैमिली बिज़नेस में लग गए। भविष्य में वो रेस्टोरेंट के ऊपर होटल खोलना चाहते है जो कम कीमत में ज्यादा सुविधाएं देती हो। जोनी बताते है कि यहाँ दिन के करीब 5000 लोग चाय पीने आते है। आप इसी से अंदाजा लगा सकते है कि ‘काका’ रेस्टोरेंट उदयपुर में कितना फेमस है।
कैसे पहुँचे : सेक्टर 11 मेन रोड
विनायक चायवाला (पुदीना चाय) :
अच्छी खासी मार्केटिंग जॉब छोड़कर एक चाय का ठेला लगाना हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन इन्होने कर दिखाया और आज शहर के लोग भी इन्हें जानने लग गए है। पुदीने की चाय पीनी हो तो विनायक के यहीं जाओ। लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था, शुरू करने से पहले उन्हें 2 महीने खाली बैठना पड़ा। लेकिन अगर मन की जाए तो सब कुछ अच्छा ही होता है। आज शहर में ही इनके 2 आउटलेट है।
इन्हें पुदीने चाय का आईडिया नाथद्वारा अपने ससुराल से आया और सोचा इसे उदयपुर में भी लाना चाहिए। पिछले 5-6 साल से इसी में लगे हुए है। पुदीने चाय के आलावा ये ग्रीन चिल्ली चाय, चॉकलेट चाय के साथ 5 वैरायटी की चाय भी रखते है। सन्डे को बंद रखते है इसके पीछे वो बताते है कि ख़ुद का बिजनेस इसीलिए खोला ताकि घर वालो को भी टाइम दे सकूँ। बाकि दिनों में आप सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच यहाँ जाकर पुदीने चाय का आनंद ले सकते है।
कैसे पहुँचे : rmv स्कूल गेट नंबर 2 पर इनका आउटलेट मिल जाएगा।
चायफेटेरिया :
शुभ और विनिश ने 3 साल पहले इसकी शुरुआत की। शुभ पहले होटल इंडस्ट्री से जुड़े हुए थे वहीँ विनिश ट्रेवलिंग और रेसलिंग से जुड़े हुए थे। विनिश तो कॉलेज ड्रॉपआउट भी है। वहीँ शुभ को पोएट्री और राइटिंग का शौक भी है। वो अभी एक किताब भी लिख रहे है जो जल्द ही पब्लिश होने वाली है। शुभ बताते है कि वो कुछ ऐसा शुरू करना चाहते थे जिसकी आगे एक चैन बना सके इसलिए उन्होंने चायफेटेरिया शुरू किया। अब उन्होंने भोपाल में भी इसे शुरू कर दिया है और धीरे-धीरे पूरे मध्य-प्रदेश में फ़ैलाने का है।
इन्होने हाल ही में TheSocialTapari नाम से एक और आउटलेट खोला है। अगर यहाँ जाए तो गुलाब टी और मस्का बन ज़रूर टेस्ट करिएगा।
कैसे पहुँचे : मधुबन में इसी नाम से एक आउटलेट है इसके आलावा सुखाडिया सर्किल की ओर TheSocialTapari नाम से आउटलेट है।
ये पाँच जगह ऐसी थी जहाँ की चाय हमने वहाँ जाकर टेस्ट की और आपको इनके बारे में बताया। अगर आपके ध्यान में और भी ऐसी जगह हो तो आप कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते है।
21 replies on “उदयपुर के पाँच मशहूर चायवाले, जिनके यहाँ की चाय ज़रूर पीनी चाहिए।”
M. Hotel Anjuman chauk
Thanks 🙂
Chetak par gali me bhi h chay famous
Bilkul 🙂
Kalka Mata road pr Kaka tea stol b bahut achi tea banate h , have tri
Zaroor 🙂
Bohra ganesh ji chorahe pr vinayak chai wala bhi famous h ek bar try jrur kre..
Zaroor se 🙂
One more tea shop here at sukhadiya circle pratap tea ,
Thanks 🙂
Town hall par jmb restaurant ke pas chai wala . Wo adrak bhi jordar chai banata hai
thanks 🙂
Kabhi university gate pe Daya ki thadi & Jodhpur tea stall Bohra Ganesh ji ke pass bhi try karo!!! Wonderful!!!
Zaroor 🙂
Bherunath tea stall near gurunanak girls collage hiran magri udaipur
thanks 🙂
Padma nastha centre sector 11 udaipur
Bilkul try karte hai. Shukriya. 🙂
Bilkul 🙂
thanks 🙂
Gattu Chai