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Sharad Rang – The Art, Food and Music Festival to begin from 8th November

Udaipur is the city of fairs and festivals. With its rich culture and heritage, it has many occasions and reasons to celebrate these festivals.

Sharad Rang Utsav is one such festival that celebrates the culture, art, food, and music. Organized by West Zone Cultural Centre (WZCC), Sharad Rang is a fest for food and cultural program lovers.

This year, Sharad Rang 2019 – the art, fusion and food festival, will be organized from 8th to 12 November at Shilpgram, the cultural hub of Udaipur. The festival will feature exotic traditional Indian delicacies, melodious live music, live band and other cultural events.

The event will have some amazing performances by renowned artists. The artist lineup this year includes the famous sitar and flute player, Chandrashekhar Phanse. The melodious sound of his ‘singing sitar’ renders popular Bollywood songs of the yesteryears as well as the recent past.

Chandrashekhar Phanse
Chandrashekhar Phanse

The brothers from Banaras, Rajan Sajan Mishra, who belong to a 300-year-old legacy of the Benaras Gharana will bring alive the different elements of Hindustani classical music with their Banaras style of singing.

Rajan Sajan Mishra
Rajan Sajan Mishra

Radhika Chopra will please the connoisseur with her traditional puritan raga based singing. Her finesse and excellence prevail in not just Ghazal singing but also Thumri, Dadra and Sufiana kalam.

Radhika Chopra
Radhika Chopra

Sadhya, a leading contemporary dance company of India, will give its famous Mystical Forest performance to allure the audience with their contemporary dance style. Mystical Forest is a dance performance that explores life within the forest. The music, choreography, movement, lights & costumes all attempt to bring to the audiences the natural & simple life of its inhabitants.

Mystical Forest
Mystical Forest by Sadhya

‘Smritiyan’, a special performance of music and classical dance will be held to mesmerize the audience with Tabla and Bansuri.

Various handicraft products made by the local artisans will be put up for sale. There will be some amazing mouth-watering delicacies from Lucknow, Rajasthan, and Kashmir to tickle the taste-buds of the people.

The event will start at 12 noon and will be open till 10 PM for all the 5 days (8th to 12 November 2019).

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खाने के शौक़ीन लोगो के लिए जन्नत – शरद रंग महोत्सव(Food and Music Festival)

शिल्पग्राम, जो यहाँ गए है वो इस नाम से वाकिफ़ है और जो यहाँ नहीं गए वो लोग इसके नाम से अर्थ निकालने की कोशिश करेंगे। लेकिन यहाँ हम शिल्पग्राम के बारे में आपको नहीं बताने वाले, हम आपको बताने जा रहे है यहाँ पर 25 अक्टूबर से शुरू हुए फ़ूड और म्यूजिक फेस्टिवल के बारे में। जो लोग खाना खाने के दीवाने है या गानों के मामले में मस्ताने है उनके लिए ये पांच दिन किसी जन्नत से कम नहीं है(खैर अब तो चार दिन ही बचे है, आज को मिलाकर) 29 अक्टूबर से पहले शरद रंग महोत्सव ज़रूर जाए।

अब हम आपको वर्चुअल्ली ले चलते है इस फेस्टिवल में जो कि हमारा काम भी है। बाकी ये पढ़कर आपके क़दम खुद-ब-खुद  शिल्पग्राम की ओर चल पड़ेंगे।

यहाँ से शुरू होता है शरद रंग महोत्सव का सफ़र

अच्छे से सजे गेट में एंटर होते आपको बड़े करीने से सजाया हुआ एक गाँव दिखाई पड़ेगा और सीधे हाथ की ओर आपको नागौर से आए सरवन कुमार एंड बैंड आपके स्वागत को तैयार रहेंगे। सरवन कुमार इस बैंड के मुखिया है और बड़े विनम्रता से आपसे बात करेंगे। उनसे हमने तकरीबन 20 मिनिट तक बात करी इस दौरान उन्होंने अपनी 2 बार प्रस्तुति भी दी। वो मशक बजाते है जो एक स्कॉटिश इंस्ट्रूमेंट है जिसे इंग्लिश में बेकपेपर कहा जाता है। राजस्थान सर्कार से सम्मानित हो चुके है। यहाँ उनके फोटो और एक परफॉरमेंस शेयर कर रहे है। इनकी ये परफॉरमेंस आपको सीधा नागौर ले जाएगी वो भी शिल्पग्राम बैठे-बैठे।

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सरवन कुमार एंड बैंड

जैसे आप थोड़ा आगे जाएँगे तो अलवर से आए नूरदीन मेवाती और उनका ग्रुप आपको उन्ही के बनाए गानों को सुनने को मजबूर कर देगा। उनके गाने समाज को लेकर बनाए होते है और सटायर से भरपूर होते है। ये अन्तराष्ट्रीय लेवल पर भी परफॉर्म कर चुके है और इंडियाज़ गोट टैलेंट में भी परफॉर्म कर चुके है। ये रही उनकी झलक

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नूरदीन मेवाती एंड ग्रुप – अलवर

वल्लभनगर तहसील – उदयपुर का फोक बैंड लेकर आए है देवीलाल जी और उनके बेटे कमल जी दमामी, बैंड का नाम पाइप बैंड उदयपुर रखा है। ये भी मसक बजाते है पर साथ में इनके उदयपुर में बजाये जाने वाले और इंस्ट्रूमेंट भी होते है। अच्छी बात ये है कि कमल जी बेकपेपर(मसक) सिखाते भी है, वो अलग-अलग स्कूलों में जाकर इसे सिखाते है। वो चाहते है इससे ये लोगो के ज़हन में रहेगा और लोग भूलेंगे नहीं।

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पाइप बैंड : उदयपुर

ये हमारा म्यूजिक में आख़िरी पड़ाव था। इन्ही लोगो की वजह से राजस्थान का फोक संगीत फिर से जिंदा हुआ है हम बात कर रहे है मंगनियार ग्रुप की जो बाड़मेर से यहाँ आई। उनसे हमारी आर्टिस्ट की सोच और दुनिया को किस नज़र से वो देखते है इस पर काफी बात हुई। उनकी ये दमदार परफॉरमेंस ये रही

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गाज़ी खां मंगनियार ग्रुप – बाड़मेर

 

इसके बाद शुरू होता फ़ूड बाज़ार… वैसे गाज़ी खां साहब के यहाँ आते ही पता लग जाता है, खुश्बू की वजह से। इस बाज़ार में आपको लखनवी बिरयानी से लेकर बिहार के लिट्टी-चौखा, अवध की कुल्फी, कश्मीरी वाज़वान, राजस्थानी कबाब, दाल-बाटी और साउथ इंडियन डिशेज़ तक की वैरायटी मिल जाएगी। उम्मीद है अब तक आप लोगो के मुह में पानी तो आ ही गया होगा, नहीं आया तो ये फ़ोटोज़ देख कर आ जाएगा।

 

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चार अलग-अलग जगह के खाने

 

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वाहिद बिरयानी – लखनऊ
मुग़लई डिशेज़ के अगर आप शौक़ीन है तो ये आपका जंक्शन ही है। इनकी बिरयानी और लखनवी मेहमान नवाज़ी दोनों ही आपको पसंद आएगी।

 

राधेश्याम तेली : ये यूँ तो दक्षिण भारतीय खाना बनाते है पर ये है उदयपुर से ही। इनके यहाँ का स्पाइडर रोल ज़रूर खाना चाहिए। स्पाइडर रोल उतना ही दिलचस्प है जितने की ये ख़ुद, फ़ूड फेस्टिवल के सबसे मजेदार और खुशमिजाज व्यक्ति है। ये नोटबंदी के दौरान चर्चा में भी थे तब इन्होने ज़रुरतमंदों को फ्री में खाना खिलाया था।

 

 

कश्मीरी वाज़वान : आप फ़ूड फेस्टिवल का अंत यहाँ से कर सकते है वो भी कश्मीरी कावा से इसके अलावा रिश्ता और गोश्ताबा यहाँ का ज़रूर चखिए। वैसे भी कश्मीरी खाना ज़ायका हर कहीं मिलता भी तो नहीं है। 🙂

अगर आप फोक परफॉरमेंस देखना चाहते है तो वो आपको 12, 2, 4 और 6 बजे देखने को मिल जाएगी शाम में 7 बजे से ओपन ऑडिटोरियम में हर दिन अलग-अलग परफॉरमेंस होगी। और अगर आप खानाआहते है ज़ायकों का मज़ा उठाना चाहते है तो आप दिन के 12 से रात के 10 बजे तक  कभी भी पहुँच जाइये।