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मनोज बंजारा के जूनून ने जीती 72 घंटे की जंग

पैसो के पेड़ विजेता को मिले 2 लाख रुपये

गुरूवार शाम 7 बजे शुरू हुई  72 घंटो की जंग पर आखिरकार रविवार शाम 7 बजे विराम लगा जब 94.3 MYFM को इंडिया के पहले रेडियो रियलिटी शो पैसो के पेड़ का विजेता मिला।

मनोज बंजारा ने पूरे 2 लाख रुपये जीत कर पैसों का पेड़ अपने नाम कर लिया। दुसरे स्थान पर रहे धर्मेन्द्र पालीवाल ने 42 इंच का TV जीता और तीसरे स्थान पर रहने वाली सहिस्ता मंसूरी को Justa SajjanGarh की तरफ से फॅमिली हॉलिडे वाउचर मिला।

अंतिम क्षणों में जब फाइनल 2 कंटेस्टेंट को उनका फाइनल मूव होल्ड करने के लिए दिया गया तब आखिरी वक्त तक दिल की धड़कन थामे दोनों प्रतिभागी किसी भी स्तिथि में हार स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। पैसों के पेड़ की शाखा को पकडे और 2 लाख का सपना संजोये मनोज और धर्मेन्द्र के बीच फाइनल टास्क 50 मिनट से भी ज्यादा देर तक चला। लेकिन अंत में धर्मेन्द्र पालीवाल ने अपनी एडी टिका दी। और इसी के साथ मनोज बंजारा ने पैसों का पेड़ जीत लिया।

फोरम सेलिब्रेशन मॉल में 94.3 MYFM और फेविकोल प्रेजेंट्स ‘पैसों का पेड़’ के फाइनल राउंड में रविवार को प्रतिभागियों के बीच ऐसा ही देखने को मिला। ‘पैसों के पेड़’ के अंतिम पड़ाव यानी रविवार तक 30 में से 15 प्रतिभागी इस जंग को लड़ रहे थे। 72 घंटों की इस जंग में रियल हीरो के चुनाव के लिए RJ’s द्वारा कई मुश्किल टास्क दिए गए।

इंडिया का पहला रेडियो रियलिटी शो ‘पैसों का पेड़ सीजन – 1’ के स्पोंसोर्स थे फेविकोल, संचालित द्वारा नीलकंठ फर्टिलिटी हॉस्पिटल और इन्वेस्टमेंट पार्टनर थे एकमे फिन्त्रदे इंडिया लिमिटेड। इसके सहयोगी प्रायोजक थे सीडलिंग द वर्ल्ड स्कूल, अर्थ डायग्नोस्टिक सेंटर, जयपुर जंगल, वॉयेज मोटर्स और नेचुरल्स लाउन्ज।

By Juhee Mehta

Literally, see characters of books in every person she meets. Apart from eating, she is found adventuring and talking to herself. Believes in magic and escape reality through words. If she possibly knows you, you might find yourself in her poems.

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