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Japan Is Using Hydrogel Technology Of Udaipur Farmer’s Son

They say a son is his father’s pride, especially when he has earned the pride globally! 

In a developing country like India, farmers and their farms have always suffered water scarcity issues. Many organizations and governments have tried and extended help in that area but nothing major could be achieved.

Among other farmers when Narayan saw his father facing the same problem, he decided to do something out of the box. Narayan used his engineering skills and made a hydrogel out of fruit peel. The use of this gel reduces the need for water by 40% and the need for fertilizer by 30%. Now the same technique is being used and followed in Japan also.

Ideation of Hydrogel

Narayan always had a keen interest in science. Thereafter, his father supported him and asked him to do something that can solve their problems. With that vigor the idea of making this polymer popped. Narayan formed a team of four and with the help of his professor, he was able to bring his idea into reality. From his childhood, he had seen farmers and his own family suffer from water scarcity issues and he knew his product could bring a massive change in the farming industry.

How Did This Hydrogel Came Into Existence
  • To make this hydrogel, Narayan used to visit every fruit juice shop in Udaipur in order to collect the fruit peels.
  • The hydrogel is prepared with Super Adsorbent Polymer Technology.
  • A substance named pectin is extracted from the fruit peels and after that, it gets polymerized.
  • Then Narayan and his team prepared a secret recipe.
  • After the cross-linking and extracting pectin, the product was ready in a powdered form.

More Than 5000 Farmers Are Using This Technique

More than 5000 farmers are using this hydrogel technique to cure their fertilizers and water problems. Narayan proudly exclaimed that Japan is now using his product. In a country like Japan, where there is a constant danger of soil slippage, this technique works as a miracle. Due to this, recently the local government of Okinawa, Japan and a company have started using this product from Narayan’s company.

So far, this product has been used on 4 thousand acres of land. Through this hydrogel, 600 million liters of water has been saved and more than 5000 farmers have used it, giving them a considerable amount of profit.

Benefits of Using Narayan’s Product

Farmers have to irrigate their fields every 15 days but, with this hydrogel technology, farmers can water their fields even after 25 days as this hydrogel increases a soil’s water absorption capacity. Also, this technique helps in 30% reduction in the usage of fertilizers. The best part is that 5 kg hydrogel is used in one acre of land.

This Product Is Patented In 6 Countries

Narayan has patented this product in Australia, America, China, Japan, South Africa including India. With regard to crops, combine projects are going on in Hiroshima, Nagasaki, Hokkaido, Awageshima, Japan with Narayan’s company. Apart from India, this product is also being used in South Africa, California, Thailand, Philippines, Canada, Japan, Australia.

Narayan has made a product, a technique that is not only making his family proud but has created a distinctive history for our city as well as the country.

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लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ नियुक्त हुए राज्यपाल के सलाहकार

आज महाराज कुमार लक्ष्यराज सिंह जी मेवाड़ के जन्मदिन पर एक गर्व भरा तोहफा उन्होंने मेवाड़ को भी दिया है। राजस्थान के राज्यपाल माननीय कलराज मिश्र ने मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के एग्ज़िक्युटिव डायरेक्टर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को अपने सलाहकार मंडल में सदस्य बनाया। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को पर्यटन व रोज़गार से सम्बंधित विषयों पर सलाह देने के लिए इस मंडल में शामिल किया गया है।

राज्यपाल मिश्र के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार के जारी आदेशानुसार राजस्थान के समग्र विकास से संबंधित प्रकरणों में समय-समय पर परामर्श के लिए गठित राज्यपाल सलाहकार मंडल में लक्ष्यराज सिंह को पर्यटन एवं रोज़गार से संबंधित विषयों पर अपनी सलाह देने के लिए सम्मिलित किया गया है।

राज्यपाल सलाहकार मंडल में नौ अन्य विषय विशेषज्ञों को भी मनोनीत किया हुआ है। राज्यपाल मिश्र के सलाहकार मंडल में उच्च शिक्षा, पर्यटन एवं कला संस्कृति, रोज़गार सृजन, विधि, प्रशासन, उद्योग, अर्थशास्त्र, अनुसूचित जनजाति क्षेत्र विकास, जल संरक्षण जैसे तमाम मसलों पर समय-समय पर क्षेत्र के विकास के लिए मंथन किया जाता है।

प्रदेश और मेवाड़ के भविष्य के लिए यह फैसला अत्यंत लाभदायी होगा।

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Gain Desired Shape Lips & Face Without Plastic Surgery

CEO of the Arth Group, Dr. Arvinder Singh, has received the Life Time Membership of the International Face Injector Society. By receiving the special training for these qualifications from International academy of Aesthetics training, Sweden, Dr. Arvinder Singh has received this honor. 

Face Injector technique is a non-invasive process through which lips and face can be shaped in the way one wants, without any surgery.  The training helps the practitioner to get an artist’s touch and remove wrinkles of the face, pits under the eyes, chin shaping, beautiful lips and so on. The results through this procedure can be achieved in just a few hours. The specialty of this procedure is that the client can see the changes happening simultaneously while being filler injection and can choose the shape according to his/her liking and way.

The face is a delicate place and plays a huge role in leaving an impression on the people we meet, so special training is necessary for injection on the face.

National Secretary of International Face Injector Society, Dr. Rajat Bhandari, gave membership to CEO of the Arth group Dr. Arvinder Singh and said that Dr. Singh received the special training required for this qualification from International Academy of Aesthetic Training, Sweden and met the credentials and quality standards to achieve the Life Time Membership of the International Face Injector Society.

Address: 3rd Floor, 4C Arth Building, behind Bhartiya Lok Kala Mandal, Madhuban, Udaipur, Rajasthan 313001
Phone Number: 8669855945 (Morning 10 am to Evening 5 pm)
Email id: Info@arthskinfit.com

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सीवरेज का पानी रिसकर झील में घुल रहा है; 18 साल से कहाँ है प्रशासन?

झीलों का हाल है बेहाल!

झीलों का शहर कहते है उदयपुर को; झीलों के साथ बसा एक शहर। पर समय के साथ उन झीलों का जब हमे ध्यान रखना चाहिए था तब हमने रखा ही नहीं। वैसे हमने भी झीलों को गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ा लेकिन अब प्रशासन की लापरवाही की वजह से झीलों में दूषित सीवेरज का पानी जा रहा है और प्रशासन को सुध ही नहीं है।

नई पुलिया से अंबावगढ़ बस्ती तक मेनहोल से निकलकर सीवरेज का पानी सड़क पर फैल रहा है और यही पानी दीवारों से रिसकर झील में भी मिल रहा है। नई पुलिया के पास स्थित मेनहोल को निगम के कर्मचारियों ने खुला ही छोड़ रखा है। अब इसे लोग भराव डालकर पाट रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो पूरा मेनहाेल जाम हो जाएगा और इससे परेशानी और ज़्यादा बढ़ सकती है।

जानिए स्थानीय लोगों का हाल

स्थानीय लाेगाें का कहना है कि यहां वर्ष 2004 में सीवरेज लाइन डाली गई थी। तब से यहां आए दिन पानी भरता रहता है। इसके अलावा सीवर लाइन में लीकेज के कारन झील की दीवाराें से भी कई जगह से दूषित पानी रिसकर झील में जा रहा है। क्षेत्रवासी और झील प्रेमी इस बारे में कई बार निगम से शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन फिर भी इसका कोई हल नहीं निकला है।

स्थानीय लोगो का यह भी कहना है की बस्ती में दाे जगह सीवरेज की लाइन डली हुई है और प्लांट नेचुरल हाेटल के यहां लगा हुआ है। ऐसे में प्लांट से पहले कचरे काे राेकने के लिए जालियां भी लगाई गई हैं। लेकिन अमूमन इन जालियों में प्लास्टिक का कचरा फंस जाता है, जिसकी सफाई भी समय पर नहीं होती है। अब इससे होता यह है की लाइन जाम हो जाती है और पानी सड़क पर फैलने लगता है।

जिस दिन क्षेत्र में जलापूर्ति हाेती है उस दिन परेशानी और ज़्यादा बढ़ जाती है। पानी फैलने से रज़ा चाैक में पानी इक्कठा होने की वजह से छाेटा सा तालाब ही बन जाता है।

पहले भी हुई है कोशिश इस समस्या को दूर करने की

2018 में इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए कलेक्टर ने 28 पॉइंट चिह्नित कर कमेटी भी बनाई थी मगर उसका भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला और काम भी नहीं हुआ।

अब स्मार्ट सिटी संभालेगा कार्यभार

अब नई पुलिया से अंबावगढ़ बस्ती वाली लाइन काे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंदर ले लिया गया है। स्मार्ट सिटी अधिकारीयों का कहना है की इसका प्रपोज़ल भी तैयार कर लिया गया है। इस क्षेत्र में काम हाेने पर पूरी लाइन नई डाली जाएगी।

आशा है यह कार्य जो की पिछले 18 वर्ष से पूरा नहीं हुआ जल्द से जल्द पूरा हो और शहर वासियों के साथ हमारी झीलों को भी इस दूषित जल से राहत मिले।

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उदयपुर में अभी कुछ ऐसा है कोरोना का ट्रेंड

इस साल नए साल का स्वागत बढ़ते कोरोना संक्रमण से हुआ। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते रहे और साथ ही उदयपुर में पॉज़िटिव होते लोग। ओमीक्रॉन जैसे नए वेरिएंट के फैलने से काफी ज़्यादा हड़कंप सा मच गया। इस सब के बीच में राहत की बात यह रही की मरीज़ों की रिकवरी रेट बहुत ही बढ़िया रही है।

राजस्थान के 50% आ रहे संक्रमितों में भी उदयपुर प्रदेश के कई शहरों में से एक था और जनवरी के महीने में 17 दिन में 5295 मरीज़ भी सामने आए। मगर रिकवरी रेट तेज़ रही। जनवरी के महीने में इनमें से 1504 मरीज़ रिकवर हो गए और इसीलिए एक्टिव मरीज़ों की संख्या कम रही।

Source: IndiaTVNews

कोरोना के अभी के ट्रेंड में पता चला है कि संक्रमित हुए रोगियों को ठीक होने में 5 से 7 दिन का समय लग रहा है। पिछले एक सप्ताह में उदयपुर में कोविड के 4106 मरीज़ सामने आए और उनमें से भी एक्टिव मरीज़ 3791 हैं। जहाँ दूसरी लहर में 14 से 20 दिन का समय भी रोगियों को रिकवर होने में लगता था वहीँ तीसरी लहर में रिकवरी जल्दी हो जा रही है।

तीसरी लहर में यह ट्रेंड भी देखने को मिला है कि मरीज़ घर में ही ठीक हो रहे हैं। जिससे अस्पताल में कम मरीज़ भर्ती हो रहे है। जनवरी के महीने में उदयपुर में पॉज़िटिव आए 5295 मरीज़ों में से सिर्फ 64 मरीज़ ही फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। जो कि कुल मरीज़ों का महज 1.20 प्रतिशत है। यानि हर 500 मरीजों में से सिर्फ 6 मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। उदयपुर में फिलहाल एक्टिव 3791 मरीजों में से 3727 मरीज होम आईसोलेशन में ही हैं।

माना की रिकवरी रेट अच्छी है पर इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है की हम किसी भी तरह की लापरवाही करें। इस समय सबसे ज़्यादा ज़रूरी है की हम सावधानी बरतें, नियमों का पालन करें, मास्क लगाएं एवं सुरक्षित रहे ताकि तीसरी लहर हमपर नहीं हम तीसरी लहर पर हावी हो।

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उदयपुर के नए कलेक्टर होंगे ताराचंद मीणा

कलेक्टर चेतन देवड़ा ने आज उदयपुर का पदभार नए कलेक्टर ताराचंद मीणा को दिया। वे 2011 बैच के IAS हैं। ताराचंद मीणा इससे पहले चितौड़गढ के कलेक्टर थे, जहां से उन्हें कल ट्रांसफर कर उदयपुर लगाया गया। वहीं, चेतन देवड़ा को आबकारी आयुक्त में लगाया गया है। कार्मिक विभाग ने रविवार देर शाम को सूची जारी कर 52 IAS के ट्रांसफर कर दिए थे।

उदयपुर के नए कलेक्टर ताराचंद मीणा

सोमवार को पदभार संभालने के बाद उन्होंने अपने टार्गेट्स के बारे में बताते हुए कहा की इस वक़्त कोरोना संक्रमण को काबू में करना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है और इसके लिए हर मुमकिन पूरी कोशिश की जाएगी। इसी के साथ वक्सीनशन को लेकर भी मॉनिटरिंग कर वक्सीनशन की गति बढ़ाई जाएगी अथवा वित्तीय वर्ष के अंतिम 3 महीनों में पेंडेंसी को निपटाकर नए टारगेट पर काम किया जाएगा।

ताराचंद मीणा ने यह भी कहा कि उदयपुर में मौताणा जैसी कुप्रथाओं और दूसरी स्थितियों को लेकर भी लॉ एंड आर्डर को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। आम लोगो से संवाद स्थापित करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा दौरे करेंगे। नगर निकायों के अपने अनुभव के आधार पर भी यूआईटी और सिटी डेवलपमेंट पर भी फोकस करेंगे।

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Prithvi’s Verbolabs Languages is all set to conquer the Localisation Industry

With the advent of startup and entrepreneurial culture, the doors for opportunities are now wide open. The startup culture has led to the accessibility of many new things in our very own home towns too.

Started in the year 2017 by the visionary entrepreneur Prithvi Jain, the VerboLabs Languages is an Udaipur based translation and dubbing services provider company. The enterprise has expanded and developed gracefully in these years and now Prithvi’s VerboLabs Languages is all set to conquer the Localisation Industry.

Here’s More About VerboLabs

Started in 2017, VerboLabs Languages is a translation and dubbing services provider based in Bangalore and Udaipur. Well, the startup started as a small entity with a single person but now is successfully running with more than 35 full-time employees, 20+ contractors, over 1200+ translators and 500+ dubbing artists. This proud bunch is working vigorously in the direction of success and to achieve that, it specializes in assisting with the customized business model that ensures language service providers and clients receive prompt responses. 

Exploring new realms of entrepreneurial grounds, Prithvi has made a company from very bottom that possesses expertise in translation, localization, editing, proofreading, transcription, DTP, language technology, and quality assurance. In their genre, VerboLabs has served over 200 brands from various major industries such as technology, marketing, legal, finance, etc. and is working with the global leaders of the localization industry and has recognized itself among the top 10 Language service providers in India with an established portfolio of clients like The Viral Fever (TVF), Shemaroo, Yulu Bikes, Network 18 (Reliance), Muthoot Fincorp, Little Angel (Kids Youtube channel), OML (manages all the stand-up shows/artists), Docubay, Epic TV and many more.

With the growing number of achievements each day, VerboLabs has translated over 50 million words and 3000+ hours of video and audio content. VerboLabs provides localization services in 60+ languages which includes all the Indian languages, major Asian languages, European and African languages.

About Prithvi Jain

Prithvi Jain was a student at MNIT when she started her entrepreneurial journey in 2012. At the start of her career, she worked as an interpreter in the language industry. During this time, she saw a big blank canvas of opportunities in the localization industry and further, she decided to capitalize on it. She created VerboLabs Languages, a translation and dubbing services provider to facilitate the spread of industry in her hometown with the aim to embark upon the localization industry. It’s tough to play all these roles of an entrepreneur, a wife, a mother and most importantly a strong woman, but Prithvi is efficiently carrying all these roles along.

Prithvi jain is soon going to represent India at the Dubai expo as a part of the Indian delegation under start-up India initiative of the Government of India’s Department for promotion of Industry and Internal trade. It was a moment of pride when a founder from a small town got selected to represent our country worldwide.

Recently VerboLabs was awarded the Best Company in the services category among the small enterprises during the Udaipur Chamber of Commerce (UCCI) Excellence Award held on 4th December 2021 & pinned another success in their marvelous journey. VerboLabs has grown 15 times in the last 4 years & is expanding its pool of services.

VerboLabs Languages always believes in promoting the startup culture and providing opportunities in multiple domains. With a kick start beginning and with an aim to reduce language barriers, the organization looks forward to explore & grow as a team & as an enterprise.

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Sanchi Group: Turning Dreams Into Reality Since 1975

Living in one’s own home is like a dream come true. A place one can call home is more than solace and since 1975, Sanchi Group has been working in the direction of turning dreams into reality.

Providing a space that people can call their own is not an easy job and keeping in mind to cater to basic needs with accurate strategies is an art of great excellence. Let us learn more about the organization that forever places people first.

About Sanchi Group

  • Right from the beginning, Sanchi group’s primary business has been Engineering, Procurement and Construction.
  • With their remarkable successful project portfolio, today the company is a recognized name within Engineering, Procurement and Construction industry.
  • The company endorses more than 3000 happy families with their work.
  • Also, Sanchi Group is considered as one of the best property builders in Udaipur.  
  • With more than 47 years of experience, Sanchi Group has completed over 20 projects covering 5 million sq. ft. State-Level award-winning projects are a few of the souvenirs the company has collected.
  • In-house design for RCC, pre-stressed and post-tensioned structures, mechanized inventory of machinery and equipment, CRM covering project systems, material management, finance systems, controlling systems, sales/distribution, and HR modules, a large pool of skilled manpower and pan India presence are the strengths that Sanchi group pursuits.

Major Projects

  • Sanchi Group has consistently delivered more than 20 high-quality projects with timely executions among which one of the major ongoing and under-construction project is the Sanchi Villas.
  • Whereas, Sanchi Gloria, Sanchi Dream House and Sanchi Gold Square are all set for turning your dreams into reality.
  • Completed with full vigor to provide comfort for every resident, projects like Sanchi Ghar Angan, Sanchi Aasan Homes, Sanchi Enclave and Sanchi Lakevision testify the glorious journey of Sanchi Group.

With a vision to cater to the basic needs of a growing population and to focus on strategic growth, Sanchi group also focuses on improving and setting standards for quality infrastructure, delivering value for money & good investment returns. 

They believe in evolving contemporary benchmarks in construction & marketing practices. Sanchi Group also emphasizes on endearing significance to customer relationships & satisfaction. 

Intending to construct dreams into residential and comfortable homes, Sanchi Group‘s capabilities are visible across the cityscape. They also believe in development and construction to contribute to a healthy, happy, and wholesome quality of life for people around the world.

For more details contact us on: +91 9829281423, +91 9982618222

Email us at: info@sanchigroup.in

Address: 8 Bhan Bagh, Near Saffron Restaurant Opp. The Garnet Apartment, New Fatehpura, Udaipur (Raj.)

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Things You Should Never Say To An Udaipurite

Take Notes People!

Explore the world as much as you want, you’ll never find a second Udaipur. The Venice of the east, the city of lakes, the white city, and the city with so many synonyms just has our heart. 

We Udaipurites are real crazy for this city and why shouldn’t we. Udaipur is complete tranquility within the closed streets of old city; escape amongst the busy city roads; home in the chaos. So, you can say anything to an Udaipurite, but not these things!

Where Is Udaipur?

Dude! if you say this in front of an Udaipurite, you are going down for a long discussion, buddy. If you don’t know where Udaipur is, you might need to restudy geography class. (PS: Udaipurite, so can’t stand this one!)

Credits – @being_photographerr

Some Other City Is Most Beautiful City

There might be a ‘most beautiful city’ alright but have you seen Udaipur? Have you visited? Man, you gotta, before you make that statement. Definitely, you might wanna change that phrase of yours. 

Credits – @yashchoudhary04

We Here Don’t Say Khamma Ghani

Every Rajasthani does not greet with khamma ghani, we here greet each other with Ram Ram Sa. So, next time when you meet us, you know what to say right?

Udaipur Must Be Hot & Dry

Nope; no; not at all. Your idea of Rajasthan might portray desserts and hot breezes but my friends, Udaipur is the Venice of the east & city of lakes for a reason. The place is surrounded by lush green Aravalis and is situated and neighbored by many lakes. So, no, we don’t live in desserts and it’s all cool in here (quite literally, this time of the year).

Credits: unsplash.com

Are You A Marwadi?

Many have said this and I’ll say this again, we are not Marwadi, we are Mewadi. Proud ones though!

Hamji gyo? Now be aware and never offend an Udaipurite with these at least.

Being an Udaipurite if you feel like adding on to the list, so be our guest and let us acknowledge the world more about things you should not say to an Udaipurite. Share your points with us! And to have a visual experience click here.

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उदयपुर की नए साल से उम्मीदें

नया साल लग गया है और हर नए साल की तरह इस बार उमीदें भी नई है। 2021 में क्या कुछ नहीं देखा हमने: लोकडाउन, कोरोना का बहुत ही भयानक रूप और कुम्हारों के भट्टे का ट्रैफिक। इसी बीच 2022 के पहले हफ्ते में जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है वो भी चिंताजनक है।

अब इस नए साल में सारी परेशानियों और एक तेज़ी से फैलते वायरस के बीच में लेकसिटी विकास की उम्मीद में है। आइए जानते है 2022 के उन प्रोजेक्ट्स के बारे में जिनसे उदयपुर विकास की ओर अग्रसर होगा।

नए टर्मिनल भवन से अन्तरराष्ट्रीय उड़ानों की आस

महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर इस साल अगर नया टर्मिनल भवन शुरू हुआ तो यहाँ से अन्तरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत हो सकेगी। नया टर्मिनल भवन मौजूदा टर्मिनल से 3 गुना बड़ा होगा। इसमें 6 एयरोब्रिज बनेंगे। वहीं, टर्मिनल-2 बनने से एयरपोर्ट पर स्थायी रूप से कस्टम और इमीग्रेशन काउंटर खुलेंगे। जहाँ उदयपुर में हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है वहीं उदयपुर एयरपोर्ट में नयी कार्गो सुविधाएं शुरू हो चुकी है। ऐसे में देश-दुनिया से जोड़ने के लिए यहाँ अन्तरराष्ट्रीय उड़ने भी अगर शुरू हो जाती है तो उदयपुर देश की नंबर-1 टूरिस्ट सिटी भी बन सकता है।

एडवेंचर स्पोर्ट्स होगा पर्यटन का आकर्षण

2021 में उदयपुर में रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक आए और नए वर्ष में भी रिकार्ड्स टूटने की पूरी संभावना। साथ ही फतेहसागर झील के किनारे एडवेंचर एक्टिविटीज़ भी शुरू होने की संभावना है। यह एडवेंचर स्पोर्ट्स पर्यटकों के लिए के नया आकर्षण होगा। इसमें बंजी जंपिंग और स्काई साइकिल जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज़ होंगी।

क्रिकेट स्टेडियम का शुरू हो निर्माण

कानपुर खेड़ा में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए ज़मीन आवंटन के बाद अब वहां स्टेडियम के निर्माण पर काम होना है। इसको लेकर कवायद भी शुरू हुई है लेकिन नव वर्ष में उम्मीद है की इस पर काम शुरू कर स्टेडियम तैयार हो जाए।

नीमच माता तक रोप-वे

फतेहसागर से देवली छोर होकर रोप-वे बनाने की तैयारी चल रही है, जिससे सीधे नीमच माता मंदिर तक पहुंचा जा सकेगा। इसके लाइसेंस प्रक्रिया के लिए कलेक्टर ने आपत्तियां भी मांग ली हैं। लाइसेंस के बाद अगली प्रक्रिया शुरू होगी।

दो नए फ्लाईओवर होंगे तैयार

सेवाश्रम और कुम्हारों का भत्ता फ्लाईओवर जिससे सबसे ज़्यादा वाहनों की आवाजाही में तकलीफ हो रही है, वो 2022 में पूरा बन के तैयार हो जाएगा। वो बनने के बाद देहलीगेट चौराहा के फ्लाईओवर के प्रस्ताव पर भी काम शुरू होगा जो वह होने वाले जाम से मुक्ति दिलाएगा।

आयड़ को संवारने का सपना

आयड़ नदी को संवारने के लिए सालों से प्लान बन रहा है, लेकिन अभी तक यह साकार नहीं हुआ है। प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए जनप्रतिनिधियों व अफसरों को काम कर 2022 में परिणाम देने चाहिए जिससे इस साल आयड़ नदी की नई तस्वीर सामने आएगी।

चिकित्सा और मेडिकल के क्षेत्र में विस्तार विकास

उदयपुर मेडिकल हब के रूप में विकसित हो चूका है। यहाँ 6 मेडिकल कॉलेज हैं, जो की प्रदेश में सर्वाधिक है। अब यहाँ मरीज़ों को उच्च स्तरीय सुविधाएं प्राप्त हो उसके लिए नव वर्ष में विस्तार और विकास की ज़रूरत है। मेडिकल का कन्वेंशन सेंटर तैयार होना चाहिए, जिसमे एक साथ पांच से दस हज़ार लोगो को बैठने की व्यवस्था हो, वहीं यहाँ उनके आवास व अन्य सुविधाएं भी उसी परिसर में उपलब्ध हो। संक्रामक रोग अस्पताल व अनुसन्धान केंद्र अलग से होना ज़रूरी है ताकि कोरोना जैसी महामारी में अन्य मरीज़ों का उपचार प्रभावित ना हो।

इस साल बर्ड पार्क शुरू होगा

इस साल गुलाबबाग में बर्ड पार्क की शुरुआत होगी। पार्क में अभी तक 7 पिंजरे तैयार हो चुके है, जिसमे 5 पिंजरों में विभिन्न प्रकार के तोते होंगे। एक पिंजरे में मकाऊ, ककाऊ पक्षी होंगे। एक में बर्ड्स ऑफ़ प्रे व ग्रीन मुनिया होंगी। पहले से ही सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से 7 एमु लाकर छोड़ दिए है। साथ ही उल्लू सहित अन्य पक्षियों के पिंजरे बनाए जा रहे है। पिंजरों पर रंग का काम पूरा हो गया है। अब बस बर्ड पार्क खुलने की देर है।

उम्मीद है की ये सभी सौगाते साल ख़त्म होने से पहले हमारे शहर को मिलेंगी। इन्ही उम्मीदों के साथ एक और चाह है की हम सब कोरोना की गाइडलाइन्स की सही से पलना करे और विकास और उम्मीद की गाड़ी को आगे बढ़ने दें।