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‘Forum Just Dance’ by Forum Celebration Mall for All the Dance Enthusiasts

Celebration Mall has been an integral part of the lifestyle of the citizens of Udaipur. Apart from shopping, people have always been looking forward to the mall for different activities and competitions. The mall has given platforms and opportunities to all the budding talents of the city to not just achieve growth but also to showcase their skills in the entire city. These activities, engage and entertain the citizens and also help them explore their inner talents.

After Colorama 2018, which achieved a magnanimous success amongst young artists of the city with more than 500 participants, Forum Celebration Mall is going to conduct the first edition of ‘Forum Just Dance’. It is an outstanding opportunity for all the dance enthusiasts out there.

Forum Just Dance

Dance is a language in which a body expresses itself. It doesn’t just nurtures our physical self but gives a boost to our mental health as well.

Forum Just Dance will give you another reason to tap your feet on your favorite tracks. What makes it more interesting is that this dance competition is open to all kinds of dance forms so you don’t have to worry if you flaunt that classical dance or groove your feet on the hip-hop style.

It is divided into two major categories – Solo dance and Group dance. Furthermore, there will be two age groups in the Solo dance category. So, the candidate needs to register while keeping both of them in mind. The details of these categories are as follows:

Solo Dance

Age Group (Junior) – 10 to 15 Years

Age Group (Senior) – 16 years & above

 

Group Dance

Maximum 8 persons per group

The dance competition will be led by an audition which will be conducted on 22nd December 2018, 11:00 AM onwards. In the auditions, 10 participants will be selected from each category who will get a chance to perform in the Grand finale which will be conducted on 5th Jan 2019, 5:00 PM onwards at Forum Celebration Mall. Top three winners in each category will be awarded ‘Just Dance’ trophies and exciting gift vouchers.

It’s time to brace yourself for the most happening dance festival of the city!

For Free Registrations, Click here!

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Social

ईशा अम्बानी की शादी के चलते जियो स्पीड चौगुनी हो सकती है, शहर के युवाओं में ख़ुशी की लहर

उदयपुर की जनता में इन दिनों भयंकर कन्फ्यूज़न चल रहा है। ख़ासकर युवा-वर्ग बहुत ज्यादा प्रभावित है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ‘राजस्थान विधानसभा चुनाव’ पर फ़ोकस किया जाए या अंबानी परिवार की लाडली की शादी पर।

7 दिसंबर को ‘विधानसभा चुनाव’ है और 8-9-10 दिसंबर को “ईशा अंबानी-आनंद पीरामल” के प्री-वेडिंग प्रोग्राम। शहर में दोनों ही अति-महत्वपूर्ण कार्यक्रम के चलते तैयारियां भी जोर-शोर से की जा रही है। जहाँ बड़े-बुज़ुर्ग प्रत्याशियों के जाति-गौत्र, उनके ब्राह्मण-दलित, अपर कास्ट-लोअर कास्ट होने का हिसाब लगा रहे हैं तो वहीं युवा-वर्ग नए कपड़ों, डीयो की आदि के मोलभाव में उलझा नज़र आ रहा है। कुछ तो इन तीन दिनों तक डबोक एअरपोर्ट पर ही रहने वाले है।

लेकिन इन सब के बीच कुछ जागरूक युवा भी है जो समस्याओं की लिस्ट बना रहे है। एक ने बताया कि कुछ मुद्दे बहुत ही गंभीर हैं जैसे:

  • उदयपुर में कई जगहों पर जियो ढंग से नहीं चलता। ढीकली रोड, दुर्गानर्सरी रोड, ओल्ड-सिटी के कुछ स्थानों पर जियो स्पीड 2g जितनी ही आ पाती है? इस वजह से उन्हें Airtel और Vodafone वालों से हॉटस्पॉट लेना पड़ता है।
  • पुराने शहर के युवाओं में आक्रोश ज्यादा है, वो कहते हैं हिरन मगरी वालों में ऐसा क्या है जो उनके 5 mbps की स्पीड आ जाती है? अब क्या हम ‘Game Of Thrones’ का नया सीजन डाउनलोड करने हिरन मगरी जायेंगे?
  • कुछ की जियो स्मार्टफोन को लेकर भी शिकायतें है।
  • कुछ के ये भी सवाल थे कि सरकार बदलते ही जियो के इन्टरनेट प्लान्स भी महंगे हो जायेंगे?

हमारे यह पूछने पर कि आप अपनी शिकायतें पहुचायेंगे कैसे? तो एक ने कहा हम लिफ़ाफ़े में 151 रुपयों की जगह एक कागज़ पर अपनी शिकायतें लिख कर देंगे और स्वागत-द्वार पर खड़े मुकेश अंबानी और नीता अंबानी को पकड़ा आयेंगे।

लेकिन जब हमनें उन दुखी युवाओं को बताया कि मुकेश अंबानी डबोक एअरपोर्ट पर आते ही उदयपुर के प्रभावित जगहों पर जियो स्पीड चौगुनी करने की घोषणा कर सकते हैं तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।

उत्साहित जनता
घोषणा सुनते ही खुश हुए

कई युवा अलग-अलग टोली बनाकर शहर के अति-व्यस्तम चौराहों पर पटाखे फोड़ते हुए, जियो कॉलरट्यून पर नाचते हुए नज़र आए। इस प्रकार से जश्न मनाने से पार्टी कार्यकर्ताओं में उलझन की स्थिति पैदा हो गयी। उन्हें लगा चुनाव हुए नहीं, परिणाम आया नहीं, तो कौनसी पार्टी जीत का जश्न मना रही है? इन सब उधेड़बुन के बीच वो भी साथ में नाचने लग गए।

बाद में आपसी वार्तालाप करने से स्थिति साफ़ हुई, सारे कन्फ्यूज़न दूर हुए तब जाकर वो फिर से प्रचार-प्रसार में मशगूल हुए।

This article is just for some good tickling in your belly. Hope you Enjoy!

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News

Liquor Ban for Two Days in Udaipur

A ban on sale and consumption has been imposed in the entire state of Rajasthan which will be in force for two days. The apparent reason for the liquor ban is the Assembly election 2018 which will be held on 7th December 2018 from 8 am to 5 pm in the state for 199 assembly seats. The election results will be declared on December 11.

Source: ABC

After all the political parties and leaders gave in all to persuade the voters which included road shows, campaigns, rallies, and conferences, the election campaigning in the state has come to a halt completely on Wednesday at 5 pm.

A report says that the Deputy Commissioner has declared dry days in Rajasthan beginning from 5 pm on December 5 to 5 pm on December 7 under Section 144 of the CrPC. Furthermore, the ban would be imposed on the day of vote counting as well.

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History and Culture

प्राचीन उदयपुर का शासन प्रबंध

उदयपुर का इतिहास व्यापक है| इसके कुछ पहलू अब तक अन-छुए हैं|  इनमें से एक पहलू ऐसा है जिनके बारे में शायद हम सब ने कभी ना कभी ज़रूर सोचा होगा कि प्राचीन समय में उदयपुर व राजा के महल में शासन प्रबंध किस प्रकार रहा होगा| किस प्रकार उदयपुर के कारखाने व न्यायालय कार्य किया करते होंगे| इसका कुछ हाल महामहोपाध्याय कवि राज श्यामल दास द्वारा रचित मेवाड़ के इतिहास की प्रसिद्ध किताब “वीर विनोद” में मिल जाता है| वह हाल कुछ इस प्रकार है-

“कपड़े का भंडार–  कुल राज्य में जितना कपड़ा खर्च होता है वह सब इस कारखाने में से ख़रीद कर जमा होता है| कपड़े के मामूली खर्च के सिवा अगर विशेष खर्च हो तो यह अधिकारी के हुक्म से होता है

कपड़े द्वाराइस कारखाने में खास महाराणा साहिब के धारण करने के वस्त्र रहते हैं|

रोकड़ का भंडार–  यह राज्य का मामूली ख़ज़ाना है| कुल राज्य में रोकड़ का खर्च यहां से होता है|

हुक्म खर्च-  यह कारखाना खास महाराणा साहिब के जेब खर्च का है| प्रतिदिन जो खर्च महाराणा साहिब के ज़बानी हुक्म होता है, उसके हिसाब पर दूसरे दिन खुद महाराणा साहब अपनी मुहर कर देते हैं|

पांडे की ओरी–  (“ओरी” हमारे यहां मेवाड़ी में छोटे कमरे को कहा जाता है|) इस कारखाने में पहले तो बहुत ही प्राचीन चीजें रहती थी लेकिन उसके हिसाब किताब और जमा खर्च में गड़बड़ देखकर महाराणा शंभू सिंह जी ने कुल ख़ज़ाने की मौजूदा चीजों को मुलाहज़ा फरमाने  के बाद जो चीज जिस कारखाने के लायक पाई गई उसको वहां पहुंचा दी और जो चीजें नीलामी वह बख़्शीश लायक थी, उन्हें बख़्शीश दे दी गई| महाराणा साहिब के पहने हुए जेवर और तस्वीरें भी इस कारखाने में रहती है|

सेज की ओरी इस कारखाने में महाराणा साहिब के खास आराम करने के पलंग वगैरह की तैयारी रहती है|

रसोड़ाइस कारखाने में सभी राजसी जन के लिए भोजन तैयार होता है|  पुराने समय में वही पर भोजन किया जाता था| जिसका रिवाज़ इस तरह था की राणा साहब अपने चौकी पर विराजमान होकर  भोजन करते थे| रिवाज़ तो बना लेकिन उसके बाद किसी कारण से उस कारखाने में भोजन करना बंद हो गया| वर्तमान समय में महाराणा अपनी इच्छा अनुसार पासवानों को अपने सम्मुख पंक्तियों पर बिठा कर भोजन करने की आज्ञा देते हैं|

पनेराइस कारखाने में महाराणा साहिब के पीने का जल, खुश्क, और तर मेवा, नाथद्वारा व एकलिंगेश्वरजी वगैरह देवस्थानों का महाप्रसाद और दवाखाना वगैरह रहता है|  

सिलहखाना– इस कारखाने में तलवार, बर्छी और तीर- कमान वगैरह कई प्रकार के शस्त्र रहते है, जिनमे खड्ग भी है। इसके अतिरिक्त, वह तलवार भी है जो बेचरामाता ने शार्दूलगढ़ के राव जशकरन डोडिया को और उन्होंने महाराणा लक्ष्मणसिंह को दी थी। इस तलवार को बाँध कर महाराणा हमीर सिंह ने किला चित्तौडग़ढ़ मुसलमानों से वापिस लिया और इसी तलवार से महाराणा प्रताप अव्वल ने अकबर बादशाह के साथ कई लड़ाइयां लड़ी। उपरोक्त शस्त्रों के अलावा कई प्रकार की ढाले, तोप, कवच वगैरह भी है।

बंदूकों का कारखाना– इस कारखाने में कई प्रकार की तोड़दार बंदूक और जुजावले रहती है, इनके अलावा नए फैशन की कई तरह की टोपीदार व कारतूसी बंदूके और पिस्तौलें वर्तमान महाराणा साहिब (महाराणा सज्जन सिंह जी) ने इकट्ठी करी है। पहले यह कारखाना बाबा चंद्र सिंह के निगरानी में था और अब प्रताप सिंह की संभाल में है।

छुरी कटारी की ओरी– इस कारखाने में कई प्रकार की छुरी व कटारियां रहती है।

देवस्थान की कचहरी–  इस कारखाने में कई छोटे-मोटे देव-स्थानों के जमाखर्ची का प्रबंध है, जिनके पुजारियों के लिए कुछ ब्न्धात नियत कर दिया गया है, जो कुछ उनको इस कचहरी के द्वारा मिलता रहता है। जो कुछ बचत जिस मंदिर की आमदनी से होती है वह उसी मंदिर की समझी जाती है।  केवल निगरानी मात्र राज्य की ओर से मालिकाना तौर पर रहती है। यह कचहरी महाराणा स्वरूपसिंह जी के समय से जारी है।

Shambhuniwas [Shambhu Niwas] Palace, Udaipur
Shambhuniwas [Shambhu Niwas] Palace, Udaipur
शंभूनिवास– महाराणा शम्भुसिंह जी ने शंभूनिवास नामी अंग्रेजी तर्ज़ का एक महल बनवा कर उसकी तैयारी व रौशनी वगैरह का सामान तथा बहुत सी किस्म की प्राचीन चीज़ें इसी महल के दरोगाह रत्नलाल के सुपुर्द कर दी थी, जिससे यह एक बहुत बड़ा कारखाना बन गया।

जनानी ड्योढ़ी –  यह कोई कारखाना नहीं है, बल्कि एक अलग ही सरकार है। सैंकड़ो औरत व मर्द इस ड्योढ़ी से परवरिश पाते है। ड्योढ़ी का कुल काम महता लालचंद व प्यारचंद की निगरानी से होता है और इनके त्तहत में महारानियो के कामदार, मौसल, और दास, दासिया वगैरह सैंकड़ो मनुष्य है|

Elephant fight, Odeypur
Elephant fight, Odeypur

फ़िलख़ानाह– इस कारखाने के निगरान पहले बाबा चन्द्रसिंह हुए, बाद में महाराणा स्वरुपसिंह जी ने इसकी बागडोर ढीकडियां राधाकृष्ण के हाथों सौंप दी जो उनके बाद उनके बेटो ने बखूबी संभाली। इस कारखाने मैं पैंतीस से लेकर पचास हाथी रहते है।    

Stables in the palace, Udaipur
Stables in the palace, Udaipur

घुड़शाला– इस कारखाने में ख़ास महाराणा साहिब की सवारी के और सभ्यजनों के घोड़े तथा बग्घियों के घोड़े-घोड़िया रहती है।

फर्राशखानह– इस कारखाने मे राज्य के कुल डेरे, सरायचे, कनाते, परदे, फर्श वगैरह व महलो का सामान रहता है।

छापाखानह– यह कारखाना बैकुण्ठवासी महाराणा सज्जनसिंह जी ने कायम किया था। इसमें “सज्जन कीर्ति सुधारक” नामक अखबार, अदालतों के इश्तिहार, समन वगैरह कागज़ात छपते है। आपको बता दे की यह किताब (वीर विनोद) भी इसी कारखाने में छपी है।

पुस्तकालय– इस राज्य में दो मुख्य पुस्तकालय है, एक नवीन पुस्तकालय जिसका नाम “श्री सज्जनवाणी विलास” है, जिसका महाराणा सज्जनसिंह साहिब ने निर्माण किया है और दूसरी प्राचीन “सरस्वती भण्डार” के नाम से प्रसिद्ध है। इनके अलावा मदरसे व विक्टोरिया हॉल का पुस्तकालय अलग है।

ऊँटो का कारखाना– रियासत में ऊँटो के दो कारखाने है। एक ढिकड़िया नाथूलाल के त्तहत में है जिसमे नौकर ऊंट और हज़ार-बारह सौ सरकारी ऊंट है। और दूसरा मेरे (कविराज श्यामलदास) त्तहत है जिसमे 40 ऊंट और 10 घोड़ियां है। यह चौकी के उन पचास सरदारों की सवारी के लिए है जो मेरे त्तहत में है। इन सरदारों की नौकरी ख़ास महाराणा साहिब के हुक्म से ली जाती है।

The Victoria Hall, Udaipur
The Victoria Hall, Udaipur

विक्टोरिया हॉल– यह कारखाना महाराणा साहिब ने अपनी क़द्रदानी और महारानी क्वीन विक्टोरिया की यादगार ज्युबिली के निमित्त सज्जन निवास बाग में एक बहुत अच्छा महल बनवा कर कायम किया है। इसमें दो और भाग है- एक संग्रहालय और दूसरा पुस्तकालय।

टकशाल– पहले राज्य में दो टकशाले थी- एक चित्तौड़ में और दूसरी उदयपुर में। फिरहाल उदयपुर की टकशाला ही जारी है जिसमे स्वरूपशाही अशर्फिया और स्वरूपशाही, उदयपुरी और चांदोड़ी रुपया बनता है।

जंगी फ़ौज– यह क़वायदी फ़ौज है। इसकी बुनियाद महाराणा शम्भुसिंह जी के समय पड़ी थी।  लेकिन महाराणा सज्जनसिंह जी ने इसको बढ़ा कर और भी दुरुस्त कर दिया। इसमें क़वायदी पल्टने, रिसालह, तोपखाना, और बैंड-बाजा वगैरह शामिल है।

मुल्की फ़ौज– इस फ़ौज से मुल्क़ी पुलिस का काम लिया जाता है।  

 

महकमे ख़ास के सभी कारखानों का बयान तो हम ऊपर लिख चुके है, अब दूसरा भाग अदालती रहा। उसका वर्णन कुछ इस प्रकार है-

महद्राज सभा– इसे मेवाड़ की “रॉयल कॉउन्सिल” समझाना चाहिए। दो बैठके मिलकर फैसलानामा बनाती है जो महाराणा साहिब के सामने पेश किया जाता है फिर उनकी मंजूरी के अनुसार ही फैसले जारी किये जाते है।

महकमह स्टाम्प व रजिस्ट्री– इसमें स्टाम्प छप कर जारी होते है। मकानात व ज़मीन जायदाद की खरीद फरोख्त के विषय में रजिस्ट्री की कार्रवाई भी यही होती है।”

गौरतलब है की पुरातन शासन प्रबंध आज के उदयपुर का आधार है। शान्ति और एकता हमेशा से ही यहाँ बसी है और आशा है की उदयपुर युहीं दुनिया में अपनी पहचान बनाये रखेगा।

 

उदयपुर के कुछ और प्राचीन और रौचक तस्वीरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें-

76 Superb Classic Photos of Old Udaipur

 

 

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List of Zumba classes in Udaipur

Health is the most valuable treasure you have in your life. In the chaotic life of yours, it is very important to take care of that and spare a bit of a time for a workout as a part of your day.

Well, if you are one of those who have become bored of the regular workout and gyms in your life, then there is no better thing for you than Zumba.

In this article, we bring to you the top Zumba classes in Udaipur.

4 Sure Fitness

Services offered – Gym, yoga classes, Zumba classes, aerobic classes, yoga classes at home, yoga meditation classes, personal gym trainers, health clubs, aerobic classes for ladies, steam bath services, family clubs, children gyms, etc.

Address – M.P. Enclave, Shobhagpura Circle, Udaipur, Near Royal Rajvillas

Contact – 9152691221

 

Seven Notes Music & Dance Studio

Services offered – Dance Classes, Music Classes, classes for guitar, keyboard, table, harmonium, Zumba Classes, private music dance, private dance class, meditation centre, etc.

Address – Plot No. 386, Hiran Magri Main Road, Sector 11, Udaipur

Contact – 9152826715

Source: Times of India

Global Fitness

Services offered – Gyms, Yoga Classes, Ladies Gyms, Protein Supplement Dealers, Fitness Centres, Zumba Classes, Weight Loss Centres, Aerobic Classes, Yoga Meditation Classes, etc.

Address – 177, Road No.-12, Ashok Nagar, Udaipur

Contact – 9152882412

 

Health Line Fitness Studio

Services offered – Physiotherapists, Gyms, Yoga Classes, Zumba Classes, Weight Loss Centres, Physiotherapist for Home Visits, Aerobic Classes, Acupuncture Doctors, Yoga Meditation Classes, etc.

Address – 3rd FloorGovardhan Plaza, Opp. Lok Kala Mandal, Panchwati

Contact – 9152676986

 

Barberian Gym & Fitness Club

Services offered – Gyms, Yoga Classes, Zumba Classes, Aerobic Classes, Personal Gym Trainers, Zumba Classes For Women, Personal Gym Trainers For Women, etc.

Address – Lake Palace, Goverdhan Villa, Sector 14, Hiran Magri, Udaipur, Road

Contact – 9152896928

Source: Braingroom

Fab Fitness & Beauty Hub

Services offered – Dance Classes, Zumba Classes, Aerobic Classes, Dance Classes, Aqua Aerobic Classes, Power Yoga Classes, etc.

Address – 148-B, 1st Floor, Udaipur City, Udaipur-Rajasthan – 313001, Above Famina Boutique, Shakti Nagar

Contact – 7737619312

Global Fitness (Transgym)

Services offered – Gyms, Yoga Classes, Ladies Gyms, Protein Supplement Dealers, Fitness Centres, Zumba Classes, Weight Loss Centres, Aerobic Classes, Meditation Classes, etc.

Address – 177, Road No.-12, Ashok Nagar, Udaipur

Contact – 9152927307

 

Leni Bhatt Dance Academy

Services offered – Dance, Aerobics, Zumba, etc.

Address – 78, University Main Road, Ganesh Chouraha, Opp. Indraprasth Garden

Contact – +91 7728 974 099

 

Rnold Fitness Club

Services offered – Gyms, Protein Supplement Dealers, Gymnasium Equipment Dealers, Dietitians, Aerobic Classes, Yoga Meditation Classes, Zumba classes etc.

Address – Plot No.3, 80 feet, main road, near sanskar -II

Contact – +91 80058-81438

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History and Culture

Fairs and Festivals Everyone Should Attend in Chittorgarh

Not just the locals but even tourists are too enticed by the glory of Historical Chittorgarh. The charm and the splendor of the city have attracted people from other parts of the country as well. Although, the city of Chittor is magnificent whenever you visit it, there are some parts of the year in particular when one can witness the city in its complete glamour. It is when Chittor is celebrating the heritage it got from its ancestors i.e. festivals.

Here are the major fairs, festivals, and processions that you need to attend while you are in Chittorgarh.

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Maharana Pratap Jayanti

Source:

Maharana Pratap was a warrior and an epitome of bravery and heroism. He was the true patriot who initiated the first war of independence. Throughout his life, he kept fighting from enemies to save his motherland and his people. Pratap was born on May 9, 1540, in Kumbhalgarh and this very day is celebrated every year in Chittorgarh to respect and honor his patriotism, pride, valor, and bravery. The birth anniversary of Maharana is celebrated as a full-fledged festival in Chittorgarh every year on the 3rd day of Jyestha Shukla phase.

In his remembrance, several puja and processions take place on Maharana Pratap Jayanti every year. Several cultural programs and debates are also held.

 

Meera Mahotsav

Source: culturenorthindia

Meera Bai is very popular in the entire country for her faith and love for Lord Krishna. She was the foremost exponents of the Prema Bhakti (divine love) which also inspired her to become a poet. Meera Bai was a Rajput princess born in about 1498 in Metra, Rajasthan. Her father Ratan Singh was the youngest son of Rao Duda, ruler of Merta and founder of Jodhpur. Meera Bai was married to the ruler of Chittor, Bhoj Raj.

Every year, on Meera’s birth anniversary which is the Sharad Poornima, a 3-day celebration is organized by Meera Smrithi Sansathan (Meera Memorial Trust) along with the Chittorgarh district officials. Along with puja, discussions, dances, and fireworks, many famous musicians and singers get together on this day to sing bhajans in this celebration.

 

Teej

Source: Rajasthan

Teej is one of the major festivals in not just Chittor but entire Mewar region. It is dedicated to goddess Parvati, commemorating her union with Lord Shiva. On this day, Goddess Parvati is worshipped by her devotees. It also marks the advent of monsoon month of Shravan (August).

It is also known for being the festival of swings where swings are hung from the trees and decorated with flowers and other objects and young girls and women dressed in green clothes who sing songs in celebrations of the advent of monsoons.

 

Gangaur

Source: Jan Prahari Express

Gangaur is the most important and colorful festival of not just Chittorgarh but entire Rajasthan. It is celebrated with great fervor by the womenfolk who worship Gauri. The meaning of the word ‘Gangaur’ can be understood by breaking it down in two words where Gan means Shiva and gaur stands for Gauri or Parvati. Gauri symbolizes the marital bliss or Saubhagya. Gauri is the embodiment of perfection and conjugal love which is the reason why the unmarried women worship her in order to be blessed with a good husband, while the married women do it for the welfare, health and their happy married life. It is celebrated between March and April.

 

Jauhar Mela

Source: Chittorgarh

Chittorgarh fort hosts the biggest Rajput festival which is known as ‘Jauhar Mela’. The occasion is believed to commemorate Rani Padmini’s Jauhar which is the most famous one. It marks the bravery of Rajput ancestors and all the three Jauhars that happened at Chittorgarh. Jauhar is a Hindu custom of self-immolation where women commit suicide to avoid capture, enslavement or rape by any foreign invaders.

On this day, a huge number of Rajput including the descendants of most of the princely families holds a procession to celebrate Jauhar.

 

Rang Teras

Source: Patrika

Rang Teras is a tribal fair of Mewar celebrated on the 13th moon night of the month of Chaitra. This big colorful fair includes a huge gathering of tribal to rejoice the harvest of wheat. Rang Teras celebration is customary since the 15th century. It is a thanksgiving festival of farmers where they pay their honor to Mother Earth for providing them with food for the next year. As a part of Celebrations, young men in the village perform their gallant skills while dancing. It is also celebrated is Sri Krishna Temples all around North India and ISKCON Temples.

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People

Muni Jinvijay Ji | People from Udaipur You Should Know About

Our city – Udaipur is completely filled with beauty in and out. And this beauty is not reflected in just its history, culture and its places, but also in its people. There are some gem of the people belonging from Udaipur who, with their hard work and success, have not just made the city but the entire nation proud.

But sadly, with time we tend to forget the accomplishment of such people of the city. The series ‘People from Udaipur you should know about’ tends to glorify the journey of these famous and triumphant people from Udaipur who have become an epitome of success in their lives.

 

Muni Jinvijay Ji

Muni Jinvjay Ji was born in the village Rupaheli in Mewar region on 27th January 1888. His birth name was Kishansinh Parmar. Kishansinh lost his parents at an early age. His interest in Jainism arrived after he met Muni Devihans. At the age of 15, in the year 1903, Kishansinh was initiated as a Shvetambar Jain monk where he was given a name Muni Jinvijay. For 6 years Muni Jinvijay followed the ordination (Deeksha) where he migrated to various places including Dhar, Ujjain, Indore, Ratlam Nagar and traveled to many parts of Khandesh and South Maharashtra. During this time, he also learned Sanskrit and Prakrit literature under Kanitivijay who was a Jain ascetic from Patan, Gujarat.

Source: Veethi

Later in his life, Muni went to Pune wherein the atmosphere of cultural, educational and national awakening, he met several renowned personalities such as Lokmanya Tilak, Sir Ramkrishna Bhadarkar, etc. It was during this time when he also met Mahatma Gandhi. After getting bored of the conventional life of an ascetic, Muni decided to become a professor. On the invitation of Mahatma Gandhi, he joined Gujarat Vidyapith as a principal of archeology department.

After that, in the year 1928, he went to Germany to study Indology, academic study of the history and cultures, languages, and literature of India and as such is a subset of Asian studies. He returned to India in the year 1929 to participate in the Indian Independence movement. He went in the Salt March in 1930 and was imprisoned in Nasik Jail where he met K.M. Munshi.

statue in Chanderia | Source: apnimaati

Notable work

  • Muni joined Shantiniketan as a professor of Jain literature and taught there for 4 years from 1932 to 1936.
  • In the year 1939, he headed archeology department of Bhartiya Vidya Bhawan.
  • He became director of Rajasthan Oriental Research Institute in 1950.
  • He served as a head of history and archeology department of Gujarati Sahitya Parishad.
  • More than 20 of his books are published while he has edited and translated many of them in his lifetime. Some of these books include Puratana Prabandha Sangraha, Prabandhakośa, Sandesh Rasak and many more.

In the year 1967, he retired. In the same year, Muni Jinvijay Ji died of lung cancer on 3rd June at Ahmedabad. Throughout his life, Muni has spread wisdom and a message to always go where your heart leads you to.

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Events

Bhagyashree launched Durriya Kapasi’s second book ‘Neverfound land’ in Udaipur

Bollywood actress Bhagyashree launched Durriya Kapasi’s second novel ‘Neverfound Land’ on Saturday at Udaipur Tales International Storytelling Festival which was conducted at Park Exotica Resort.

During her conversation with the media, Author Durriya Kapasi informed the media that the book ‘Neverfound Land’ is the sequel of her first bestselling novel named ‘Once Upon A Genie’. The storyline of the first book revolves around a human-genie love story. And on the other part, ‘Neverfound Land’ is based on the hybrid character of human and genie named ‘Solomon’. With the power he acquired, Solomon discovers the mysterious world of Genies and the tribe he belongs to.

Kapasi said “The storyline is very different and I am sure readers of all age and background will love it”

In this launch, the founder of the event Salil Bhandari and Sushmita Singha were also present along with Bhagyashree’s husband Himalaya.

The book is published by Delhi based publisher Half Baked Beans and is now available on Amazon and Flipkart for purchase.

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Food

5 Things you HAVE TO TRY at Khaugali

Khaugali needs no introduction in Udaipur. It has become the new ‘Meet-up’ junction for friends, bucket list place for the foodies, and a selfie spot for the studs and divas of the town. But while you are there, one thing that remains the biggest confusion is what all should you try and from where given that there are an umpteen number of food joints all around.

Well, worry not, we have brought the absolutely new foodie bucket list for you all at Khaugali. Below are the things that may stun you or drool you. Whatever it may, make sure you DO NOT miss these 5 dishes while you are at Khaugali.

Magizza at Bhukkad

 

Want to have Maggi? But love pizza as well? What if I tell you that you can have both at the same time? You heard it right! Magizza is one lip-smacking combination of your favorite masala Maggi turned into a pizza with lots of cheese and veggies topped onto it. This two in one dish will surely give you the ultimate foodgasm of your life.

Price – 150

Also try – A steaming cup of hot Chocolate with it will bring an end to your dream meal, I’m telling you!

 

Falafel pita sandwich at Pita Ji

Falafel pita sandwich will wake your unstoppable love for Lebanese cuisine. Moreover, it’s the first street Lebanese joint which serves a bunch of finger-licking Lebanese dishes, one of which is the Falafel pita sandwich. Hummus, falafel Tikki, veggies and loads of liquid cheese filled in scrummy pita pockets will be an absolute bliss to your taste buds. They are served with Lebanese dip hummus and our very own green chutney.

Price – 89

Also try – to complete your blissful Lebanese treat, go for ‘Shahi Tukda’. This nut and rabdi filled toasties will definitely satiate your sweet tooth.

 

Panchratan Uttapam at Ice n Spice

All the south Indian food lovers, gather around because this one is just for you. Panchratan Uttapam is a combination of 5 different flavored Uttapams served at once. These 5 flavors include corn and cheese, onion uttapam, mix veg uttapam, onion tomato capsicum and a plain one. These are served with two types of chutney – coconut chutney and tomato chutney and a steaming hot bowl of sambhar to go with.

Price – 100

Also try – If you have any more space in your stomach, try the Rawa Masala dosa there and thank us later.

 

Cigar rolls at Desi Firangi

Don’t go on their simple looks, these inside-out cheese filled cigar rolls will give you a gastronomical experience that nothing else can give. These rolls are made from two simple ingredients gooey potato mix and liquid & shredded cheese. This irresistible snack is served with ketchup and green chutney.

Wanna have a sneak peek to more dishes by Desi Firangi? Click here.

Price – 120

Also try – Fruit cocktail ice cream after these rolls and you can call it a day!

 

Smoking poppers at Oh Crepe

Why smoke cigarettes when you can smoke desserts? As soon as you put these icy cold poppers in your mouth, you’ll emit smoke like a dragon. This smoke is not harmful so you need not to worry about that. It is actually the liquid oxygen that is added to the poppers that cause the smoke.

Price – 100 for 4 pieces

 

How to reach Khaugali?

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रेस्पेक्टेड भावी नेता, चुनाव से पहले उदयपुर की इन समस्याओं को भी सुन लेना, प्लीज़।

7 दिसम्बर, 2018 की सुबह होने में मात्र 6 दिन बचे है। वैसे दिसम्बर, 2018 की इस तारीख़ के बारे में बताने की ज़रूरत तो है नहीं, वो भी राजस्थान के लोगो को। वैसे ही काफ़ी शोरगुल हो ही रहा है। सोशल मीडिया पर भी और गली-कूंचो में भी। लेकिन फिर भी हम बताए देतें हैं, 7 दिसम्बर को राजस्थान विधानसभा चुनाव है। सभी पार्टियाँ और उम्मीदवार तन, मन और धन के साथ लगे हुए हैं। ऐसा जुनून हर पाँच साल बाद ही देखने को मिलता है।

rajasthan legislative assembly election 2018
photo courtesy: udaipurtimes

नुक्कड़ों पर सुबह शुरू होती है चाय और चक्कलस के साथ। एक हाथ गरमा-गरम चाय संभालता है तो दूसरा हाथ अख़बारों को फ्रंट पेज से टटोलना शुरू करता है और फिर शुरू होती है गुफ़्तगू जिसका कोई अंत नज़र नहीं आता।

chai aur akhbaar
photo courtesy: The Hindu

इस बार कौनसी सरकार आएगी? पिछली वाली ने कितना काम किया? क्या-क्या वादे पुरे किए, कितने अधूरे रह गए? विपक्ष का मैनिफेस्टो क्या है? जैसे प्रश्नों पर बहस होती है जो कि बताता है कि हमारे शहर का मतदाता जागरूक है। लेकिन हम इन प्रश्नों को मतदान केंद्र तक लेकर नहीं ले जाते हैं। अखबार के पन्ने पलटते-पलटते जब तक खेल-पृष्ठ आता है तब तक हम वो सभी बातें भूल चुके होते हैं और चाय के कप के साथ उन मुद्दो को भी दुकान पर ही छोड़ कर लौट आते हैं।

ऐसे ही कुछ प्रश्न है जो हम आपके सामने रखने जा रहे हैं। जिनका उत्तर आप ही को सोचना होगा। ये सभी वही प्रश्न है जो आप और हम हर दिन सोचते रहते हैं। हर दिन इन्ही मुद्दों को लेकर डाइनिंग टेबल पर बात होती है। उदयपुर का हर नागरिक यही सब बातें करता मिल जाएगा….

  1. शहर की सड़कें – इन दिनों अगर सबसे बड़ी समस्याओं में से कोई एक है तो वो है उदयपुर की सड़कों की हालत। आजकल सड़कें ऐसी लगती है जैसे फटे कपड़े को पैबंद लगा कर दुरुस्त कर दिया हो। पड़ोसी राज्य में अभी चुनाव हुए ही हैं। वहाँ के मुख्यमंत्री श्रीमान् शिवराज सिंह चौहान ने कहते हैं कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमरीका से भी बेहतर है। अब उदयपुर वाले इतना भी नहीं मांग रहे वो तो बस इतना चाहते हैं कि इन सड़कों को फिर से पहली जैसी बना दिया जाए, जब बाहर का टूरिस्ट आकर कहता था कि सड़कें हो तो उदयपुर जैसी।
  2. उड़ती धूल-चिपकती मिट्टी – इसका सीधा कनेक्शन ऊपर वाली समस्या से है। उसमें सुधार आएगा तो इस से भी अपने आप निजात मिल ही जाएगी।
  3. बढ़ता ट्रैफिक जाम – इसमें हम जल्दी ही देशभर में नाम रोशन करने वाले है। दुर्गा-नर्सरी रोड, ओल्ड सिटी, फ़तेहसागर और लगभग सभी बड़े चौराहों का यही हाल है। सड़कें वैसी की वैसी, लोग बढ़ते गए और व्यवस्थाएं बिगड़ती चली गयी।
  4. गंदी होती झीलें – जिनकी बदौलत उदयपुर का नाम विश्वभर में हुआ है हम उसी को गन्दा करने में लगे हुए हैं। जिसकी वजह से उदयपुर टॉप-10 शहरों में आया उसी की हत्या करने में मज़ा आ रहा है। सोचकर देखिए, आने वाले कुछ सालों में थोड़ी बहुत साफ़ बची झीलों में तैरता कचरा ही नज़र आने लगा, तब? झीलों में गिरते सीवरेज के पानी से झीलों में बदबू आने लगेगी, तब? ना गणगौर घाट पर लोग आएँगे, ना ही फतेहसागर किनारे शामें बीता करेगीं, ना कोई टूरिस्ट आएगा ना ही आसपास की दुकानों पर लगता मेला देखने को मिलेगा… 2 मिनट का टाइम लेकर सोचिएगा ज़रूर, क्या ऐसे भविष्य की कल्पना हम कर सकते हैं?
  5. शहर में घूमते आवारा पशु – ये आज की समस्या नहीं है। बावजूद इसके, अब तक किसी भी सरकार ने, मंत्रियों ने, उदयपुर के नागरिकों द्वारा चुने हुए प्रत्याशियों ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। हर बार यही कहा जाता है काईन हाउस बनाये जायेंगे। इन्हें वहाँ शिफ्ट किया जायेगा। लेकिन ये समझ नहीं आता अगर ये शिफ्ट कर दिए गए हैं तो वापस शहर में कैसे आ जाते हैं? आए दिन ऐसी खबरें आती रहती है, फलाना टूरिस्ट को सांड ने मारा लेकिन हम ‘ओ हो’ कर भूल जाते है। किसी दिन हम में से कोई टारगेट बन गया तब कोई और ‘ओ हो’ कर रहा होगा। मुद्दा गंभीर है, हॉस्पिटल पहुँचाने वाला है, हल्के में मत लीजिएगा।

ये तो हो गए वो मुद्दे जिससे शहर की जनता बहुत परेशान है और बात करनी ज़रूरी थी, लेकिन लिस्ट लम्बी है –

  1. सफ़ाई के मामले में कई हद तक सुधार आया है लेकिन गुंजाइश हमेशा रहती है।अब भी कचरे के ढेर नज़र आ ही जाते हैं।
  2. कई जगह दिन में रोड लाइट्स जलती है लेकिन रात में वही बंद हो जाती है।
  3. चेतक सर्किल जैसे बड़े चौराहों की ट्रैफिक लाइट्स कई महीनो से बंद पड़ी है।
  4. झीलें सूखने लगी है। ऐसा वादा किया था कि अब कभी झीलें नहीं सूखेगी। वो पूरा होता नज़र नहीं आ रहा।
  5. पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है। ट्रैफिक और टूरिस्म के बढ़ने की वजह से अब ना सिर्फ लोकल बल्कि टूरिस्ट भी पार्किंग की समस्या से परेशान है।
  6. चौराहों और पार्कों में लगे फाउंटेन में अब पानी नहीं गिरता। इस वजह से उन जगहों पर सेल्फी लेने की दर में गिरावट आई है।

ये कुछ गंभीर समस्याएं हैं जिनकी वजह से आप और हम परेशान हैं। चुनाव में अब सिर्फ़ 7 दिन बचे हैं। ये हमारी लिस्ट थी आप इनमें अपनी कुछ और समस्याएं/मुद्दे/प्रश्न जोड़ या घटा सकते हैं।

after voting
photo courtesy: redcarpetvoter

याद रखिए – इस चुनावी शोर के बीच अपनी आवाज़ बुलंद रखना। क्योंकि मेरे और आपके मत पर ही निर्भर करेगा कि विजयी नेता हमारी आवाज़ को लोकतंत्र के उस मंदिर तक पहुँचाता है या नहीं?

rajasthan chunaav - vote
म्हारो कहनो, वोट देनो photo courtesy: newsd

जय लोकत्रंत जय भारत।