‘लोक कला मंडल’ नाम सुनते ही एक बारगी डांस, म्यूजिक और ड्रामा/थिएटर ही दिमाग़ में आता है। लेकिन इन सबके आलावा और भी बहुत कुछ होता है वहां। अगर आप क्रिएटिव फील्ड में जाना चाहते है या सिर्फ खाली समय का सदुपयोग करना चाहते है तो इस बार लोक कला मंडल आप सभी के लिए लाया है ‘पपेट एंड टॉय मेकिंग वर्कशॉप’। कल यानि 6 अप्रैल से शुरू हो रही इस वर्कशॉप में 8 साल से ऊपर कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है। यह वर्कशॉप 6 अप्रैल से शुरू होकर 25 अप्रैल तक चलेगी। इस वर्कशॉप में हम सभी को ट्रेनिंग मोनिका शर्मा देंगी। मोनिका शर्मा, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन एंड टेक्नोलॉजी (NIFT) से है। मोनिका, यहाँ के स्थानीय कलाकारों के साथ मिलकर पेपर, वुड(लकड़ी) और कपड़ों की मदद से टॉयज और पपेट बनाने की वर्कशॉप लेंगी। यह उन सभी के लिए एक सुनहरा अवसर है जो इस फील्ड में जाना चाहते है या फिर अपने खाली समय का अच्छा उपयोग लेना चाहते हो, कुछ क्रिएटिव करना चाहते हो।
पपेट( कठपुतली ) के नाम लेते ही सबसे पहले राजस्थान का ही चित्र उभरकर आता है। राजस्थान में भी उदयपुर ही एकमात्र ऐसा शहर है जहाँ कठपुतली को लेकर हर शाम शो किए जाते हो। यह हमारी धरोहर है। हमारी कला है। जिसे ज़िन्दा रखना हमारा ही कर्तव्य है। लोक कला मंडल समय-समय पर ऐसी कई वर्कशॉप पहले भी लगाता आया है। इन वर्कशॉप का उद्धेश्य होता है कला को दूसरों तक पहुँचाना ताकि यह ज़्यादा से ज़्यादा लोगो तक पहुँच सके और ज़िन्दा रह सके। हमारी भी एक ज़िम्मेदारी बनती है लोकल आर्ट फॉर्म्स को सीखना। हम बहुत खुश होते है जब बगौर की हवेली पर या लोक कला मंडल में किसी विदेशी को इन आर्ट फॉर्म्स पर तालियाँ बजाते हुए। ये विदेशी बाहर से आकर ऐसी वर्कशॉप का हिस्सा बन जाते है लेकिन कहीं न कहीं हम इन सब से दुरी बनाए हुए बैठे है।
अपने अन्दर के कलाकार को जगाइए और इस बार गर्मी के दिनों को और बेहतर बनाइए।
वर्कशॉप – पपेट एंड टॉयज मेकिंग
ट्रेनर – मोनिका शर्मा( निफ्ट )
जगह – लोक कला मंडल
समय – 6 अप्रैल से 25 अप्रैल हर शाम 5 बजे से 7 बजे तक