श्री क्षत्रिय युवक संघ के 75 साल पूरे होने पर आज आयोजित हुआ हीरक जयंती समारोह

श्री क्षत्रिय युवक संघ के 75 साल पूरे होने पर आज आयोजित हुआ हीरक जयंती समारोह

श्री क्षत्रिय युवक संघ के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आज राजस्थान की राजधानी जयपुर में देशभर से क्षत्रिय समाज के लोग जुटे। राजपूत समाज के संगठन श्री क्षत्रिय युवक संघ की हीरक जयंती समारोह को धूमधाम से मनाया गया। समारोह का आयोजन जयपुर के सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन में हुआ।

जब भी बात श्री क्षत्रिय युवक संघ की होती है तो एक शख़्स को हमेशा याद किया जाता है वो हैं तन सिंह जी। तन सिंह जी ने ही आज से 75 साल पहले समाज को संगठित और संस्कारित करने की ठानी थी और इस संघ की स्थापना 22 दिसंबर 1946 में की थी।

आइए जाने श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तन सिंह के बारे में

  • जैसलमेर के बैरसियाला गांव में ठाकुर बलवंत सिंह महेचा और मातीकंवर सोढ़ा के यहाँ 25 जनवरी 1924 को तन सिंह का जन्म हुआ।
  • 4 साल बाद ही उनके पिता का देहांत हो गया और मां ने उन्हें पढ़ने के लिए 80 किलोमीटर दूर बाड़मेर भेज दिया।
    हालांकि उनका मूल गांव बाड़मेर में रामदेरिया है।
  • पिता की मृत्यु होने के बाद 4 साल की उम्र में ही ‘तणेराज’, ‘ठाकुर तन सिंह’ बन गए।
  • बाड़मेर में पढ़ाई पूरी करने के बाद तन सिंह 14 की उम्र में ही जोधपुर आ गए जहां उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की।
  • इसके बाद 1942 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए झुंझुनूं के पिलानी में बिरला कॉलेज गए और बीए कर 1946 में नागपुर से वकालत की। तन सिंह ने एक लंबा राजनीतिक सफर तय किया, जहां वह 1949 में बाड़मेर नगर पालिका के अध्यक्ष बने।
  • वे 1952 और 1957 में बाड़मेर से विधायक चुने गए और 1962 और 1977 में बाड़मेर से सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे।
  • इस सब के साथ-साथ वे एक जाने-माने लेखक भी थे।

ऐसे हुई श्री क्षत्रिय युवक संघ की शुरुआत

बताया जाता है कि तन सिंह के अंदर काफी कम उम्र से ही समाज के लिए कुछ करने की ललक थी। वह समाज और उसे सुधरने के बारे में सोचते थे। ऐसे में कॉलेज के दौरान ही तन सिंह ने 1944 में राजपूत छात्रावास में दिवाली के दिन क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना की जिसके बाद 5 और 6 मई 1945 को इसका पहला अधिवेशन जोधपुर में हुआ।

तन सिंह ने 1949 तक संघ प्रमुख का पद संभाला उसके बाद राजनीति में जाने के बाद आयुवान सिंह हुडील को संघ प्रमुख बनाया गया। आयुवान सिंह के राजनीति छोड़ने के बाद तन सिंह ने फिर यह पद संभाला और 1969 तक वे संघ के प्रमुख रहे। वर्तमान में भगवान सिंह रोलसाहबसर संघ प्रमुख हैं।

आयोजन समिति ने बताया कि इस समारोह के लिये जैसलमेर से 24 कोच की ट्रेन की बुकिंग करवाई गई है। इसके लिए संघ की ओर से बतौर किराया रेलवे को 30 लाख रुपये जमा करवाए गए हैं। आयोजकों के दावे के अनुसार यह पहली बार है की राजस्थान में किसी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिये 24 कोच की पूरी ट्रेन बुक करवाई गई है।

इस आयोजन में कई पार्टियों से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के कई नेता शामिल हुए। समारोह से पहले बाड़मेर से हीरक जयंती रथ ने करीब 5000 किलोमीटर की यात्रा भी की है। हीरक जयंती पर प्रदेश के सभी धर्म जाति संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है।

श्री क्षत्रिय युवक संघ के 75 साल बाद भी आज संघ तन सिंह के आदर्शों पर चलता है। वहीं तन सिंह ने अपने जीवनकाल में कई किताबें भी लिखी। ऐसे में 22 दिसंबर 2021 को तन सिंह के विचारों पर फिर से एकजुट होने के लिए समाज एकत्रित हुआ।

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