जब भी अगर बारिश होती है, हमारे पास गाड़ी नहीं होती या अगर कोई इमरजेंसी होती है तो हम कैब बुक करते हैं। भरोसा करते है उनपर की हमें हमारे निर्धारित स्थान पर पहुचाएंगे। लेकिन अगर वे हमारी इसी मजबूरी का फायदा उठाए तो ये कहा तक सही है।
उदयपुर में सबसे प्रच्वलित कैब सर्विस कंपनियों में से ओला और उबर हमारे शहर में उपलब्ध है। तो ज़रूरत के समय हम इनका इस्तेमाल करते है लेकिन कुछ दिनों से इन कंपनीओ के कैब चालकों के खिलाफ यात्रियों की शिकायतें आ रही थी की वे मनमर्जी से किराया वसूलने, तय किराए से ज्यादा लेने, अनफिट वाहनों में यात्रियों को बैठाकर जान जोखिम में डालने और बुकिंग रद्द करने की धमकी देने लगे है। इसी को लेकर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय उदयपुर की टीम ने बुधवार को यात्रियों से मिली शिकायतों के आधार पर 52 ओला-उबर वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
लंबे समय से ओला-उबर वाहन चालकों के खिलाफ यात्रियों से कई शिकायतें मिल रही थीं। नियमों को ताक पर रखकर यात्रियों से अवैध तरीके से किराया वसूलने और अवैध वाहन चालने वाले ओला-उबर वाहन चालाकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 2 टीम्स को सघन चेंकिंग अभियान और डिकाॅय ऑपरेशन के लिए भेजा। दोेनों टीमों ने 52 टैक्सी चालकों के खिलाफ चालान बनाए हैं। चैकिंग के दौरान वाहन चालकों को बिना फिटनेस, बिना इंश्योरेंस, बिना पीयूसी के वाहनों का संचालन करते पाया गया। अब मोटर वाहन अधिनियम 1988 के नए प्रावधानों के मुताबिक ऐसे प्रत्येक प्रकरण में ओला-उबर कम्पनी के विरूद्ध एक लाख रुपए प्रति शिकायत जुर्माना और लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।
कुछ उदयपुर वासियों ने UdaipurBlog से अपने साथ हुई ऐसी घटनाओं को साझा किया
अभी जब उदयपुर में पहली मावठ पड़ी तब कई लोगो को आने-जाने में कई तकलीफों का सामना करना पड़ा। ऐसे समय में टैक्सी/कैब मिलने में काफी मुश्किलें भी हुई। मुझे और मेरे 2 दोस्तों को साथ में ऑफिस जाना था जिनका घर बिलकुल रास्ते में था तो ओला से कैब बुक की। जो ड्राइवर था, उसने एक्स्ट्रा चार्ज लेने की बात कही। अब ऐसे समय में जब कोई और साधन नहीं मिल रहा था तो एक बार के लिए मान तो गई में पर उनसे एक्स्ट्रा चार्ज कितना है पूछने पर भी उन्होंने ट्रिप के एन्ड तक कुछ नहीं बताया। फिर अचानक से 167 रुपये के ट्रिप के उन्होंने एक्स्ट्रा किलोमीटर के साथ बिल जेनेरेट किआ 229 रुपये का और फिर ऊपर एक्स्ट्रा चार्ज मांगे 150 रुपये। अब ऐसी मजबूरी में और क्या किआ जा सकता था।
मुझे एक बार दुर्गा नर्सरी से UIT जाना था तो कैब वाले ने इसके 600 रुपये बताए जो की कही से भी वाजिब नहीं थे। ऐसा कई बार हुआ है की कैब वाले कम फेयर देख के कैंसिल भी कर देते है बुक्ड राइड। इसके खिलाफ सख्त कार्यवाई तो होनी ही चाहिए।
ऐसे कई लोगो ने अपने साथ हुई नाइंसाफी हमसे साझा की और हमें ख़ुशी है की उदयपुर प्रसाशन ने इस पर दुरुस्त कदम उठाया है। अगली बार अगर आपके साथ ऐसा कुछ भी हो तो मजबूरी शिकार ना बने और इसकी शिकायत ज़रूर करे।