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Udaipur-Ahmedabad Soon To Be Less Than 2 Hours

As it is much necessary for the Udaipurities to maintain the distance between Ahemdabad city, it is assured that the perspectives of travelling are resolved.

After the Railways identified the six sections for high speed and semi-high speed rail corridors including Jaipur-Udaipur-Ahmedabad sections in January, the National High-Speed Rail Corporation Limited ((NHSRCL), in the latest development on the project, invited the first set of tenders for the 886 km long Delhi-Jaipur-Udaipur-Ahmedabad high-speed corridor to kickstart preparations.

NHSRCL, on Tuesday, floated the tenders for collection of relevant data for the preparation of Detailed Project Report (DPR). The data includes preparation of drawings of crossing bridges over rivers/canals/railways and roads including National Highways, State Highways, Expressway and major district roads along with general arrangement drawings (GADs) of proposed stations and maintenance depots. The bids have also been invited to carry out traffic study (ridership study) and data collection and associated survey work for DPR of the corridor.

The detailed project report will study the feasibility of the project by checking the land availability, traffic potential and alignment. On the basis of these factors, the Railway Board will decide if the route is fit for the high-speed or semi-high-speed corridor.

The time of travelling from Udaipur to Ahemdabad will be one less opted for. By lessening the time, there will be easy access as to how the time will be reduced while travelling.

 

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उदयपुर अहमदाबाद ब्रॉडगेज लाइन का 90% काम संपंन्न

उदयपुर से अहमदाबाद ब्रॉडगेज लाइन अब 5 कि.मी बिछना बाकी है। यह काम खारवा से जयसमंद के बिच बचा हुआ है। 299 किलोमीटर की यह ट्रैक जब पूरी हो जाएगी तो यह दक्षिण भारत से जुड़ जाएगी। चूँकि इसका 90 % काम पूरा हो चूका है।प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी टनल तक इसकी पटरिया पहुंच चुकी है। दक्षिण भारत से जुड़ने में अब महज 5 किमी का फासला है।

इस ट्रैक पर खारवा से जयसमंद के बिच 36 किमी में जून माह तक रेलवे का सीआरएस यानि निरिक्षण हो सकता है। जून माह तक पुरे रेलवे का निरिक्षण होने पर रेल शुरू होने की उम्मीदे है। इस से पहले हिम्मतनगर से जयसमंद और उदयपुर से खारवा तक का निरिक्षण हो चूका है। खारवा से जयसमंद का काम काफी धीमी गति से चल रहा है।

कई बार इसकी डेडलाइन भी आगे बढ़ चुकी है। इसकी अंतिम डेडलाइन मार्च 2022 के अंत तक पूरी होने की थी। समय पर कार्य पूरा ना होने की वजह से इसका कार्य मई माह तक पहुंच गया है। फ़िलहाल रेलवे के अधिकारी जून के पहले सप्ताह तक कार्य पूर्ण होने की सम्भावना बता रहे है।
इस ट्रैक का कार्य हो जाने पर यह उदयपुर से गुजरात,महाराष्ट्र,गोवा,कर्नाटकइन सभी के रास्ते सीधे दक्षिण भारत से जुड़ जाएंगे। उदयपुर से अहमदाबाद के लिए रोज इंटरसिटी ट्रैन चलेगी।

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299 km उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ब्रॉडगेज ट्रैक का काम जोरों पर

  • 209 km पर बिछ चुकी पटरियां।
  • 700 पुल और 3 सुरंगों के बीच 5 घंटे का रोमांचक सफर।
  • रूट पर राज्य में दूसरे नंबर की 821 मीटर लंबी सुरंग।

अरावली की पहाड़ियों के बीच उदयपुर को अहमदाबाद से जोड़ने वाले 299 किमी रेलवे ब्रॉडगेज ट्रैक का काम जोरों पर है। अब तक 70% पूर्ण हो चुके इस कार्य में उदयपुर से खारवा स्टेशन तक पटरियां बिछ चुकी हैं, वहीं खारवां से डूंगरपुर तक 116 किमी ट्रैक तैयार है, और पटरियां बिछनी बाकी हैं।

उदयपुर से अहमदाबाद के बीच यह ट्रैक पहले मीटर गेज हुआ करता था जिसपर ट्रेनें 45 km प्रति घंटा की रफ्तार से चलती थी। इस से उदयपुर से अहमदाबाद आने-जाने में करीब 10 घंटे लगते थे। नाॅर्थ और वेस्टर्न रेलवे द्वारा मिलकर बनाये जा रहे इस ब्रॉड गेज ट्रैक पर अब बड़ी ट्रेन 100 km की रफ्तार से दौड़ सकेंगी जिससे 10 घंटे का सफर मात्र 5 घंटे में तय किया जा सकेगा।

अहमदाबाद से हर साल लाखों पर्यटक (खासकर गुजरती) नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर के दर्शन और शहर की खूबसूरती का लुफ्त उठाने के लिए उदयपुर आते हैं। इस ट्रैक के पूर्ण होने का बाद, अब इन सभी पर्यटकों के लिए आना-जाना आसान हो जायेगा जिससे शहर के पर्यटन को फायदा मिलेगा।

उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज पर बन रहा 821 मीटर लंबी टनल राज्य में दूसरे सबसे लम्बा टनल होगा। इससे लम्बा दौसा-गंगापुरसिटी ट्रैक पर बना 2.25 किमी का राजस्थान का सबसे लम्बा टनल है।