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Have you witnessed the best dance performances of this city yet?

The finale of the Forum Just Dance, the signature event of the renowned Forum group took place on 1st June 2019. The event was organized in the premises of Forum Celebration Mall from 6 p.m. to 8.30 p .m.

The event enjoyed a magnanimous success with more than 150 participants from the city.

There were many unforgettable performances of various dance forms like traditional, patriotic, western and much more.

Top 10 participant were selected from each category and the winner was chosen from the selected one.

The winners are as follows:

Solo Category:

  • Winners from Age Group of 10 to 15 are:

First position: Angel Sukhwani

Second Position: Himakshi Lohar

Third Position: Vineet Mathur

  • Winners from Age Group of 16 and Above are:

First position: Tanishka Sutrakar

Second Position: Swaraj Singh

Third Position: Kavya Dixit

Group Dance Category:

First position: SADA Dance Group

Second Position: Jitendra Dance Group

Third Position: JDCA Group

The details for the next signature event of the group, ‘Forum Junior Chef Champ’ is coming up soon.

The last date to register for Forum Junior Chef Champ is 20th June 2019.

For registrations, use the following link: https://tinyurl.com/yxdezb2f

And for those who’ve missed the event, don’t worry because we’ve got you covered. In this article, we are sharing with you, some of the best snippets from the event.

HAVE FUN!

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आज है हरियाली तीज | जानिए इस त्यौहार के बारे में

आज हरियाली तीज के मौके पर हम आपको इसी के कुछ पहलुओं से अवगत करवाने वाले है। हरियाली तीज का त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण के महीने की शुरुवात में मनाया जाता। देवी पार्वती को समर्पित, तीज का त्यौहार देवी पार्वती और भगवान शिव के मिलन की स्मृति में मनाया जाता है। सावन का महीना और भगवान शिव और देवी पार्वती का पवित्र रिवायत इस त्यौहार का आधार है।

 

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                            हरियाली तीज का इतिहास


हरियाली तीज का त्यौहार देवी पार्वती का भगवान शिव के प्रति अनंत निष्ठा व प्रेम का प्रतीक है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती, हज़ारों सालों के बाद, फिर से, एक हो गए थे। इस त्यौहार के रीति- रिवाज और परंपरा भी प्रेम और निष्ठा के अद्भुत संगम का आधार है। इसका का कुछ विवरण मेवाड़ के इतिहास की प्रसिद्ध किताब, महामहोपाध्याय कविराज श्यामलदास (महाराणा सज्जन सिंह जी के आश्रित कवि) द्वारा रचित  “वीर विनोद” में भी मिल जाता है। किताब का अंश कुछ इस प्रकार है-

“श्रावण शुक्ल 3 को तीज का त्यौहार मनाया जाता है। इस त्यौहार को राजपूताना में राजा व प्रजा सब मानते है, और महाराणा जगनिवास महल में पधार कर गोठ जीमते है और रंगीन रस्सों के झूलो पर औरते झूलती और गायन करती है। शाम के वक़्त महाराणा जुलुस के साथ नाव सवार हो कर राग रंग के किनारे पर पहुंचते है। यदि इच्छा हो तो वह से हाथी या घोड़े पर सवार हो कर सीधे महलो में पधार जाते है। पश्चात, जगनिवास महल और बाड़ी महल में वैसी ही तैयारियाँ होती है जैसी गणगौर के उत्सव में बयान की गयी है।”

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                                हरियाली तीज का महत्व


सावन का महीना त्यौहार मनाने योग्य ही तो है क्योंकि वर्षा का आगमन जो होता है भूमि पर। इस दिन, सभी वर्ग की औरते लहरिए-बांधनी साड़ी पहने, गेहेनो और मेहँदी से सज कर देवी पार्वती के दर्शन हेतु जाती है और बाघों में झूले लगाए जाते है।  “सावन के झूले” का प्रसंग काफी प्रसिद्ध है। तीज का त्यौहार झूलो के बिना अधूरा सा लगता है और इनकी सजावट भी कुछ राजस्थानी ढंग से की जाती है। चमकीले लाल-पीले-हरे रंग के घाघरा- चोली पहने सभी विवाहित महिलाएँ इन झूलो का आनंद लेती है और साथ ही साथ देवी पार्वती की भक्ति से सराबोर लोक गीत गाती है इसी आशा में की देवी पार्वती सदैव उन पर अपनी कृपा बनाए रखेंगी। सावन के गीत गाने की परंपरा भी काफी प्रचलित है। मेहँदी भी काफी प्रचलित और मान्य परंपराओं में से एक है। मेहँदी और चूडियो से सजे हाथ, तीज के पर्व की शोभा में चार चाँद लगा देते है।तीज के त्यौहार पर घेवर का राजस्थान में एक अलग महत्व है। यह पारंपरिक मिठाई मैदा, चीनी और अलग-अलग ड्राई फ्रूट्स सब मिलकर बनी होती है साथ ही साथ इसके ऊपर केसर का छितराव और चाँदी का वर्क चढ़ा होता है। इस मिठाई की आपको दस के आस-पास वैरायटी देखने को मिल जाएगी जिनमें केसर घेवर, पनीर घेवर, मलाई घेवर बहुत प्रसिद्ध  है। मिठाई पर घी की मोटी परत होने के बावजूद यह खाने में बेहद सुपाच्य मानी जाती है। तीज पर घेवर को शादीशुदा लड़की को देने का भी परंपरा है। सावन मैं घेवर बनाना उत्तम क्यों रहता है, इसके पीछे कारण यह है की यह सावन की नमी भरे वातावरण को पूर्ण रूप से सोख लेता है जिससे इसका स्वाद बना रहता है। ऐसा माना जाता है कि यह मिठाई वाजिद अली शाह द्वारा जयपुर लाई गई थी। इतने सालों के बाद आज भी घेवर राजस्थान के कई भागों में मिल जाता है।

 

सावन, हरियाली, लहेरिये, झूले, मेहँदी, घेवर, मालपुए यह सभी इस पर्व के पर्याय है और संस्कृति व श्रद्धा से परिपूर्ण यह पर्व आज भी उसी हर्षोउल्लास से मनाया जाता है और आशा यही है की इसकी गरिमा सदैव यूही बनी रहे।

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Health & Fashion

Traditional Dressing Tips for women for the Party Season

This is the season of marriages and parties. Every lady loves going to the parties, and want themselves to look different and attractive from the rest of the crowd. It could be monotonous to every time pull on the pants and struggle into a short top. One can look different as well as attractive with the traditional dressing, that adds an aesthetic value to your charm and definitely takes you a class apart. So, be the talk of the party with these Tips on traditional dressing.

Dressing Tips | UdaipurBlog
1. Go for plain sarees in colours like blues, reds, blacks, with borders in metallic hues such as silver, bronze or burnished gold. You could even team it up with a stylish blouse, low backs, preferably in metallic hues.

2. Go for black velvet straight cut churidar kurtas with low back or an elegant Chinese neck – both can be carried with as grace and ease as a slit backless gown or a fur lines short jacket.

3. Go for a beautiful Kashmiri designed silk kaftan or a revel knee-length kaftan,

4. Go minimalistic on neckwear if sporting long chandelier earrings. If you just love your colorful beady neck strings or that funky neckwear, try teaming it with stunning simplistic or flower power studs.

5. Choose comfortable, smart footwear to party all night, small or no heels can help you party the night away while giving minimal stress to your back and feet.

6. To protect yourself from the winter chill, get an elegant stole in single colour with a little glitter on the end corners. Throw it casually over a saree see the change in your appearance.

7. Go for light make-up and play with your hair. Don some hair Accessories to create magic.

 

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Model: Sonika Jain

Article By: Subastou Daksh Pandey – Fashion Desinger, Udaipur

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About the Author: After his basic education from Udaipur, Subastou received his B.A.Honor’s in fashion merchandising and production management form New Delhi (Nottingham University, London). He is an Artisan certified from Ministry of Textiles , Government of India as well as a Faculty in National Centre for Design and Product Development, set up by the Ministry of Textile, Government of India. He has won several awards, including Best creative designer award from Designer Jatin Kocchar, New Delhi.