ऐन्द्रिता रे, कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की सुपरस्टार, अब जल्द ही बॉलीवुड में एंट्री लेने जा रही है। आपको यह जानकर आश्चर्य भी होगा और ख़ुशी भी कि ऐन्द्रिता रे का जन्म उदयपुर में हुआ है। ऐन्द्रिता, कन्नड़ फिल्म ‘मनासारे’ में निभाए अपने दमदार करैक्टर ‘देविका’ के लिए जानी जाती है। इस फिल्म को क्रिटिक्स ने काफ़ी पसंद किया था, उन्होंने इसके लिए 4 अवार्ड्स भी जीते। 5 बार की फिल्मफेयर अवार्ड नॉमिनेटेड एक्ट्रेस के उदयपुर से कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री होते हुए बॉलीवुड तक के सफ़र पर एक नज़र।
शुरूआती जीवन और बैकग्राउंड:
ऐन्द्रिता का जन्म उदयपुर के एक बंगाली परिवार में हुआ। इनका शुरूआती बचपन उदयपुर की झीलों और पहाड़ियों को देखते हुए निकला। पिता ऐ.के. रे के इंडियन एयर फाॅर्स में प्रोस्थोदोंटिस्ट (डेंटल प्रोस्थेटिक्स) के पद पर होने की वजह से उन्हें मुंबई शिफ्ट होना पड़ा। इंडियन एयर फाॅर्स में होने के कारण अक्सर तबादले होने की वजह से अलग-अलग शहरों में रहना पड़ा। आख़िर में पूरा परिवार बैंगलोर आकर रहने लग गया।
डेब्यू और ब्रेकथ्रू:
ऐन्द्रिता रे फैशन कोरियोग्राफर एम्.एस. श्रीधर की स्टूडेंट रही है। सबसे पहले उन्हें कन्नड़ फिल्म ‘जैकपोट’ के एक गाने में देखा गया। जबकि एक्टिंग करियर 2008 में आई ‘मेरावैंगे’ से शुरू हुआ। फिल्म तो ज्यादा कुछ कमाल नहीं कर पाई लेकिन ऐन्द्रिता की एक्टिंग और डांसिंग क्राफ्ट को rediff.com जैसी वेबसाइट ने काफी सराहा। उसी साल एक और कन्नड़ फिल्म में इनका केमियो भी था।
शरुआती सफलता और उसके बाद की कहानी:
ऐन्द्रिता की 2009 में एक और फिल्म आई नाम था ‘वायुपुत्र’ जिसमें इनके अपोजिट थे चिरंजीवी सर्जा। इसके बाद इनकी एक और सफल मूवी परदे पर आई ‘लव गुरु’। लेकिन 2009 में आई ‘मनासारे’ ने ऐन्द्रिता के जीवन को पलट कर रख दिया। इस फिल्म ने ऐन्द्रिता को रातों-रात कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री का स्टार बना दिया। न सिर्फ कन्नड़ फिल्मों यहाँ तक की ‘मनासारे’ की सफलता की गूँज ‘फिल्मफेयर अवार्ड्स’ तक भी गई और ऐन्द्रिता बेस्ट एक्ट्रेस की केटेगरी में नोमिनेट हुई। इसके बाद तो ऐन्द्रिता के आगे ढेर सारी फिल्मों की लाइन लग गई। 2010 में आई एक और फिल्म ‘वीरा परम्परे’ भी बॉक्स ऑफिस पर कामयाब हुई और एक बार फिर ऐन्द्रिता ‘फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस’ के लिए नोमिनेट हुई। इसी साल इनकी एक पैरेलल बॉलीवुड फिल्म भी आई जिसका नाम ‘अ फ्लैट’ था। लेकिन ये इनका बॉलीवुड डेब्यू नहीं था।
करियर के शुरुआती दौर में मिली ग्रैंड सफलता की चमक अगले दो साल में फीकी पड़ती नज़र आई। लगातार 3-4 फिल्मों के फ्लॉप हो जाने के कारण इसका असर उनके करियर पर भी दिखने लगा। इस वजह से उन्हें तेलुगु सिनेमा और बंगाली सिनेमा की ओर रुख़ करना पड़ा। हालाँकि इन दोनों जगह किया इनका ये काम सराहा गया और एक बार फिर ये कन्नड़ फिल्मों में लौट आई।
2018 इनके लिए ख़ास साबित होने जा रहा है। बंगाली सिनेमा के मशहूर डायरेक्टर राज चंदा की फिल्म में नज़र आएंगी और साथ ही साथ ये अपना बॉलीवुड डेब्यू भी कर रही है। इस फिल्म में अरबाज़ खान इनके अपोजिट होंगे जिसकी शूटिंग स्विट्जरलैंड में शुरू हो चुकी है। हम सभी उम्मीद करते है कि उनकी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा करें और उदयपुर का नाम रोशन हो।
10 साल के अपने छोटे से करियर में पांच बार फिल्मफेयर जैसे अवार्ड्स के लिए नोमिनेट होना उनके अपने काम के प्रति लगन को दर्शाता है। ऐन्द्रिता रे का उदयपुर से होना शायद बहुत कम ही लोग जानते होंगे। इसलिए हमारी कोशिश थी कि ऐसे लोगों में ऐन्द्रिता को शामिल किया जाए जिन्हें शहर के लोग कम और देश-विदेश के लोग ज्यादा जानते है। ये हमारे शहर के लिए गर्व की बात है।