झीलों का हाल है बेहाल!
झीलों का शहर कहते है उदयपुर को; झीलों के साथ बसा एक शहर। पर समय के साथ उन झीलों का जब हमे ध्यान रखना चाहिए था तब हमने रखा ही नहीं। वैसे हमने भी झीलों को गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ा लेकिन अब प्रशासन की लापरवाही की वजह से झीलों में दूषित सीवेरज का पानी जा रहा है और प्रशासन को सुध ही नहीं है।
नई पुलिया से अंबावगढ़ बस्ती तक मेनहोल से निकलकर सीवरेज का पानी सड़क पर फैल रहा है और यही पानी दीवारों से रिसकर झील में भी मिल रहा है। नई पुलिया के पास स्थित मेनहोल को निगम के कर्मचारियों ने खुला ही छोड़ रखा है। अब इसे लोग भराव डालकर पाट रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो पूरा मेनहाेल जाम हो जाएगा और इससे परेशानी और ज़्यादा बढ़ सकती है।
जानिए स्थानीय लोगों का हाल
स्थानीय लाेगाें का कहना है कि यहां वर्ष 2004 में सीवरेज लाइन डाली गई थी। तब से यहां आए दिन पानी भरता रहता है। इसके अलावा सीवर लाइन में लीकेज के कारन झील की दीवाराें से भी कई जगह से दूषित पानी रिसकर झील में जा रहा है। क्षेत्रवासी और झील प्रेमी इस बारे में कई बार निगम से शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन फिर भी इसका कोई हल नहीं निकला है।
स्थानीय लोगो का यह भी कहना है की बस्ती में दाे जगह सीवरेज की लाइन डली हुई है और प्लांट नेचुरल हाेटल के यहां लगा हुआ है। ऐसे में प्लांट से पहले कचरे काे राेकने के लिए जालियां भी लगाई गई हैं। लेकिन अमूमन इन जालियों में प्लास्टिक का कचरा फंस जाता है, जिसकी सफाई भी समय पर नहीं होती है। अब इससे होता यह है की लाइन जाम हो जाती है और पानी सड़क पर फैलने लगता है।
जिस दिन क्षेत्र में जलापूर्ति हाेती है उस दिन परेशानी और ज़्यादा बढ़ जाती है। पानी फैलने से रज़ा चाैक में पानी इक्कठा होने की वजह से छाेटा सा तालाब ही बन जाता है।
पहले भी हुई है कोशिश इस समस्या को दूर करने की
2018 में इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए कलेक्टर ने 28 पॉइंट चिह्नित कर कमेटी भी बनाई थी मगर उसका भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला और काम भी नहीं हुआ।
अब स्मार्ट सिटी संभालेगा कार्यभार
अब नई पुलिया से अंबावगढ़ बस्ती वाली लाइन काे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंदर ले लिया गया है। स्मार्ट सिटी अधिकारीयों का कहना है की इसका प्रपोज़ल भी तैयार कर लिया गया है। इस क्षेत्र में काम हाेने पर पूरी लाइन नई डाली जाएगी।
आशा है यह कार्य जो की पिछले 18 वर्ष से पूरा नहीं हुआ जल्द से जल्द पूरा हो और शहर वासियों के साथ हमारी झीलों को भी इस दूषित जल से राहत मिले।