Posted inMore मेरे सपनो की बारिश, कब आओगी तुम ?? वर्षा ऋतू हमें गहराई तक छूती है. सावन में सिर्फ तन ही नहीं भीगता, अंदर तक भिगो जाती है बरखा की बूंदें... सावन की रिम झिम फुहारों के बीच उगते… Posted by aryamanu July 22, 2012